Saturday, May 18, 2024

Logo
Loading...
google-add

प्रेस की स्वतंत्रता में ही पलता और सशक्त होता है लोकतंत्र, जानिए कैसे शुरू हुआ World Press Freedom Day?

News Desk | 14:31 PM, Fri May 03, 2024

World Press Freedom Day 2024: मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, जोकि किसी भी देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए का काम भी करता है. इतिहास गवाह है कि जब भी किसी देश ने मीडिया को दबाने की कोशिश की है वहां की पूरी व्यवस्था ही चौपट हो गई है. ऐसे में पत्रकारों पर होने वाले हमलों को रोकने और उनकी स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है.



विश्व प्रेस स्‍वतंत्रता दिवस का इतिहास



विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस को मनाने की जड़ें इतिहास में मिलती है. साल 1991 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की और ने भी '3 मई' को 'अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्‍वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी. यूनेस्को के महासम्मेलन के दौरान 26वें सत्र में 1993 में इस विषय से जुड़े संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. वहीं गिलर्मो कैनो जोकि एक इतालवी पत्रकार और संपादक थे उन्होंने बतौर अपने पद पर रहते हुए कई तरह के भ्रष्टाचार और सच्चाइयों को उजागर कर लोगों को सत्य बनाया था. उन्हें सम्मान देने के लिए गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम अवार्ड दिया जाता है.



विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट करने का उद्देश्य



प्रेस की स्वतंत्रता को कई उद्देश्यों को ध्यान में रखकर मनाया जाता है. वक्त या जगह कोई भी क्यों न हो प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास होता आया है ऐसे में पत्रकारों के खिलाफ होने वाले हमले और उत्पीड़न को रोकने साथ ही मीडिया की रक्षा करना व अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए जान गवाने वाले पत्रकारों को श्रद्धांजलि भी देना है.



विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2024 की थीम



विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है जोकि बदलती रहती है. ऐसे में इस बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2024 की थीम 'ए प्रेस फॉर द प्लैनेट: जर्नलिज्म इन द फेस ऑफ द एनवायर्नमेंटल क्राइसिस' (A Press for the Planet: Journalism in the face of the Environmental Crisis) रखी गई है.



जीवंत पत्रकारिता लोकतंत्र का आईना



बनते बिगड़ते परिदृश्यों में पत्रकारिता का स्वरूप भी बदला है. अब यह केवल टीवी और समाचार पत्रों तक ही नहीं सिमटा बल्कि सोशल मीडिया और वेब पत्रकारिता में भी जुड़ गया है अब एआई की दुनिया में भी प्रेस ने प्रवेश कर लिया है. ऐसे में संभव है कि प्रेस के सामने चुनौतियां भी बढ़ी राजनीतिक दवाब के साथ कई तरह के दवाब भी इसमें आ जुड़े हैं. इस स्थिती में निर्भीक और स्वतंत्र पत्रकारिता को सुनिश्चित करना और भी जरूरी हो जाता है.

google-add
google-add
google-add

वेब स्टोरीज

बड़ी बात

बड़ी बात

News Desk | 14:04 PM, Tue Mar 26, 2024

बड़ी बात

News Desk | 13:41 PM, Thu Mar 21, 2024

बड़ी बात

News Desk | 16:51 PM, Fri Feb 02, 2024
google-add

अंतरराष्ट्रीय

google-add
google-add

राजनीति

google-add
google-add