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Basant Panchami: क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी? जानिए महत्व और पौराणिक मान्यता

News Desk | 14:47 PM, Wed Feb 14, 2024

Basant Panchami: माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विद्या, विवेक और संगीत की देवी यानी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. हिन्दू धर्म और मान्यताओं में इस दिन का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार माता सरस्वती पूजा का यह खास पर्व 14 फरवरी को मनाया जा रहा है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने पर सारी मन की इच्छाएं पूरी होती हैं साथ ही हर तरह के रोग और दोषों से छुटकारा भी मिलता है.



इस दिन क्यों होती है माता सरस्वती की पूजा?



पौराणिक कथाओं की मानें तो भगवान ब्रह्मा को ही सृष्टि का रचयिता माना जाता है. जब उन्होंने रचना करके इस संसार में देखा तो उन्हें चारों तरफ सूनसान निर्जन तत्व ही दिखाई दिया. वातावरण बिल्कुल शांत और शिथिल लगा. तभी ब्रह्मा जी ने सभी से अनुमति लेकर अपने दिव्य कमंडल से पृथ्वी पर थोड़ा जल छिड़का. सतह पर जल पड़ने के बाद एक देवी हाथ में वीणा लिए प्रकट हुईं जोकि माता सरस्वती थीं. तभी से इस दिन दिन को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है.



माता सरस्वती की पूजा का महत्व



बता दें कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का भी खास महत्व होता है जिससे न केवल मन को शांति मिलती है बल्कि जीवन के क्लेश और दुख, दर्द भी समाप्त होते हैं. मां सरस्वती का स्वभाव काफी सौम्य और विनम्र है उन्हें स्वेत व पीली वस्तुएं बेहद प्रिय हैं इसलिए उनकी पूजा में इनका प्रयोग करना शुभ माना जाता है.



बसंत पंचमी का धार्मिक महत्व



इस त्योहार का कई मायनों में धार्मिक महत्व भी होता है. भारत में कुल छह ऋतुएं होती हैं जिसमें बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशिर ऋतु शामिल हैं. इसमें बसंत को इन सभी की रानी अथवा ऋतुराज भी कहा जाता है. जहां एक तरफ वातावरण में बदलाव हो रहे होते हैं तो वहीं हमारा मन भी थोड़ा परेशान होता है. ऐसे में इसे धार्मिक चीजों में लगाना सबसे अच्छा रहता है. साथ ही बसंत पंचमी जीवन में नई चीजें शुरू करने का एक शुभ दिन है, इस दिन से शादियां भी दोबारा शुरू हो जाती है व पेड़ों पर नव कोपलें आनी शुरू हो जाती हैं.




इन चीजों से कर सकते हैं विद्या की देवी को प्रसन्न



1. कमल पुष्प - बता दें कि माता सरस्वती को कमल का फूल काफी प्रिय है वे खुद ही कमल पुष्प पर विराजती हैं. ऐसे में पूजा करते समय माता को एक कमल का फूल अर्पित कर सकते हैं.



2. मोर पंख - मोर पंख को सारी नकारात्मक शक्तियों को दूर करने वाला माना जाता है इससे वातावरण में शुद्धता आती है, बसंत पंचमी के दिन घर में मोर पंख भी ला सकते हैं.



3. पीले वस्त्र - विद्या की देवी सरस्वती की पूजा में सफेद और पीले रंग का विशेष महत्व बताया गया है. उन्हें खुश करने के इस रंग का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर सकते हैं. साथ ही पूजा में भी इसी रंग का भी प्रयोग कर सकते हैं.



4. वीणा -
वीणा को घर में रखने से मन में रचनात्मक शक्ति का विकास होता है, साथ ही माता सरस्वती भी प्रसन्न होती हैं. बसंत पंचमी के दिन वीणा की पूजा कर उसे घर में रखने से खास लाभ होते हैं.



5. भोग -
माता सरस्वती को सफेद और पीले रंग की मिठाईयों का भोग लगाना काफी शुभ होता है, इससे माता प्रसन्न होती हैं. इसके लिए लड्डू और बर्फी का प्रयोग किया जा सकता है.

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