पटना: बिहार विधानसभा में 20 और 21 जनवरी को देशभर के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन होगा, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में संवैधानिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में संसद और विधायिका की भूमिका पर चर्चा होगी.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव स्वयं अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और विधानसभा परिसर में हो रही तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
इस सम्मेलन में पूरे देश के पीठासीन पदाधिकारी, 28 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, 6 विधानसभा परिषद के सभापति और केंद्र शासित प्रदेशों के स्पीकर सहित लगभग 300 अतिथि शामिल होंगे.
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जबकि राज्यसभा के उपाध्यक्ष हरिवंश भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित होंगे. सम्मेलन में संसद और विधायिका की भूमिका पर विस्तार से चर्चा होगी. यह सम्मेलन 1982 के बाद बिहार में आयोजित हो रहा है, जब कांग्रेस पार्टी के राधानंदन झा विधानसभा स्पीकर थे.
सम्मेलन के पहले दिन 20 जनवरी को उद्घाटन सत्र विधानसभा के सेंट्रल हॉल में होगा. सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी अतिथि 19 जनवरी को पटना पहुंचेंगे. समापन सत्र भी 21 जनवरी को सेंट्रल हॉल में होगा. इसके बाद सभी अतिथि पटना के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे हरि मंदिर साहिब गुरुद्वारा, बापू टावर, सभ्यता द्वार और बिहार संग्रहालय का भ्रमण करेंगे.
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे सभी अतिथियों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए पूरी व्यवस्था करें. प्रोटोकॉल और लाइजन अधिकारियों को आगंतुकों के आगमन, परिवहन, आवास, कार्यक्रमों में सहभागिता और पोस्ट-कॉन्फ्रेंस भ्रमण की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी.
उल्लेखनीय है कि बिहार अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का यह सम्मेलन में 42 साल बाद हो रहा है जबकि बिहार विधानसभा में आयोजित होने वाला यह 85वां सम्मेलन है.
हिन्दुस्थान समाचार