अररिया: राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. शत्रुघ्न मंडल ने टिकट नहीं दिए जाने पर पार्टी से बगावत कर दी है और उन्होंने अररिया से वंचित मुक्ति मोर्चा के बैनरतले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले टिकट कटने पर पूर्व सांसद सरफराज आलम भी बगावत करते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में राजद के दो-दो बागियों से प्रत्याशी शाहनवाज आलम को मुश्किलें बढ़ सकती है. डॉ. शत्रुघ्न मंडल के ऐलान ने जिले का सियासी पारा अचानक बढ़ा दिया है.
डॉ. शत्रुघ्न मंडल ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके साथ वादाखिलाफी की गई है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनसे अररिया से अति पिछड़ा समाज से ही चुनाव लड़ाने को लेकर आश्वस्त किया गया था. जिसको लेकर लगातार क्षेत्र में वे अपने समर्थकों के साथ जनता से जनसंपर्क कर रहे थे लेकिन ऐनवक्त पर उनके साथ नाइंसाफी की गई और किया गया वादा से पार्टी के शीर्ष नेता मुकर गए.
उन्होंने कहा कि पार्टी अति पिछड़ा समाज के साथ विश्वासघात किया है और अति पिछड़ा समाज को ठगने का काम किया. उन्होंने शाहनवाज आलम को टिकट दिए जाने पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि शाहनवाज आलम चंद दिन पूर्व पार्टी में एआईएमआईएम से आए थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें बिहार सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. पार्टी ने एआईएमआईएम के चार विधायकों को तोड़कर लाने का इनाम दे ही दिया था. फिर टिकट क्यों उन्होंने कहा कि आखिर हरेक बार एक ही परिवार के सदस्यों को टिकट देने का क्यों किया जाता है.
डॉ. शत्रुघ्न मंडल सिकटी से जदयू के दो दो बार विधायक रहे मुरलीधर मंडल के पुत्र हैं. उनके समुदाय का लोकसभा क्षेत्र में अच्छा वोट बैंक माना जाता है और व्यक्तिगत तौर पर समुदाय में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती रही है. सिकटी विधानसभा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और अच्छे वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. 2020 में राजद के टिकट पर वे विधानसभा चुनाव लड़े थे और 70 हजार से अधिक वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे.
डॉ. शत्रुघ्न मंडल अपने पिता के निधन के बाद राजनीति में आए और 2015 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े थे. जिसमे भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार मंडल से 8 हजार 106 मतों के अंतर से हार गए थे. जिसके बाद उन्होंने जेडीयू एस राजद ज्वाइन किया था. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद जिले में राजद के सक्रिय राजनीति में वे थे.
हिन्दुस्थान समाचार