UPSC 2023 परीक्षा परिणाम सोमवार 16 अप्रैल को जारी कर दिया गया था. आदित्य श्रीवास्तव ने पहले रैंक हासिल करके टॉपर बने. वहीं, दूसरी ओर दिव्यांग महेश कुमार ने सबसे आखिरी रैंक लाकर सफलता हासिल की. महेश कुमार ने 42 की उम्र में UPSC परीक्षा में 1016वीं रैंक हासिल की. मुजफ्फरपुर निवासी महेश कुमार शेखपुरा जिला न्यायालय में बेंच क्लर्क हैं.
महेश कुमार ने बताया कि वे बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा दो बार दिए थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए. वे पहली बार 2013 में टेट पास करके नियोजित शिक्षक बने. इसके बाद 2018 में सिविल कोर्ट के लिए योग्य बने. 2024 में BPSC से आयोजित शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा पास करके हाई स्कूल में शिक्षक बन गए और 2023 में यूपीएससी परीक्षा में 1016वीं रैंक लाकर क्वालिफाई किया.
गरीबी के कारण छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई
महेश कुमार गरीब परिवार से संबंध रखते थे. महेश के पिता बाजारों में घूम-घूमकर चावल-दाल बेचा करते थे. ऐसे में परिवार का भरण पोषण करना बहुत मुश्किल होता था. लेकिन महेश ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और संघर्ष करते रहे. 1995 में महेश कुमार ने मैट्रिक की परीक्षा दी, जिसमें वे स्कूल टॉपर रहे. गरीबी के कारण उन्हें अपनी पढाई छोड़नी पड़ी थी. 10 वीं की परीक्षा देने के बाद उन्होंने पढ़ाई से लंबे वर्षों तक का गैप ले लिया था. 11 वर्ष बाद 2008 में उन्होंने इंटर की परीक्षा दी. उसके बाद 2011 में स्नातक की परीक्षा दी और फिर 2013 में टेट पास करके नियोजित शिक्षक बने. 2018 में कोर्ट में क्लर्क बने. फिर 2023 में बीपीएससी पास करके हाई स्कूल में शिक्षक बन गए.
महेश कुमार ने बताया कि UPSC परीक्षा की तैयारी खुद से की है. ड्यूटी से समय मिलने पर वे पढाई करते थे. कोर्ट आने-जाने से पहले हर दिन दो-दो घंटे पढ़ाई करते थे. इससे पहले दो बार बीपीएससी की इंटरव्यू तक गए लेकिन दो नंबर कम होने के कारण असफल रहे.
महेश से इंटरव्यू में पुछे गए सवाल
यूपीएससी के इंटरव्यू में मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध लीची के बारे में सवाल पूछा गया था. फिर गांधी के बिहार आगमन और आंदोलन की शुरुआत पर सवाल पूछे गए. यह भी पूछा गया कि बिहार आज पिछड़ा क्यों है? इस तरह के कई अन्य सवाल भी पूछे गए.