पूर्णिया लोकसभा सीट चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां से पप्पू यादव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर चुके हैं. अब इससे सियासत तेज हो गई हैं. लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ दिन पहले ही पप्पू यादव ने अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय कर लिया था. लेकिन यहां उनकी दाल नहीं गली. क्योंकी जब राजद और कांगेस के बीच सीटों का बंचवारा हुआ तो पूर्णीया राजद के खाते में चली गई. और यहां से राजद ने बीमा भारती को टिकट दे दिया.
पप्पू यादव हमेशा से चाहते थे कि वे पूर्णीया सीट से ही चुनाव लड़ें. इसके लिए उन्होंने अपनी तैयारी बहुत पहले ही शुरू कर दी थी. सूत्रों की माने तो कांग्रेस में शामिल होने से पहले लालू यादव ने पप्पू यादव को RJD में अपनी पार्टी का विलय करने का ऑफर दिया था. हालांकि, पप्यू यादव ने कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर लिया था. इसके बाद उन्होंने अपने एक्स पर लिखा था, “मर जाएंगे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. दुनिया छोड़ देंगे, पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे.”
पप्पू यादव को ये उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें पूर्णिया सीट देने के लिए कोई रास्ता तलाश लेगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसी बीच उनके पास दो विकल्प बचे थे, जिसमें से पहला ये था कि अगर पप्पू यादव हर हाल में पूर्णिया सीट से लोकसभा 2024 का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उनके पास कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एक विकल्प मौजूद है. दूसरा विकल्प ये था कि कांग्रेस उन्हें जिस सीट से मौका दे, वहां से लोकसभा 2024 का चुनाव लड़ें.
आखिरकार पप्पू यादव पहले विकल्प का चयन करते हुए 4 अप्रैल को पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय तौर पर अपना नामांकन किया. कांग्रेस चाहति थी कि पप्पू यादव अपना नामांकन वापस लें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. अब इस बात से कांग्रेस नाराज चल रही हैं. कांग्रेस कह रही थी कि पप्पू यादव अपना नामांकन वापस लें. कांग्रेस अब उन्हें निलंबित करने पर विचार कर रही है.