राजधानी पटना में शिक्षा विभाग के फरमान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है. दरअसल, बिहार के 4257 अतिथि शिक्षकों को 31 मार्च के बाद सेवा मुक्त कर दिया गया है, लेकिन सरकार ने उनको चुनावी ड्यूटी में लगा दिया. इसके बाद शिक्षकों ने कहा कि उन्होंने जब स्पष्ट कर दिया है कि हमें सेवा मुक्त कर दिया है, तो वह कोई सरकारी काम क्यों करें.
सरकार ने अतिथि शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है, जिसको लेकर आज अतिथि शिक्षक पटना में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे. इस दौरान आर्थिक अपराध इकाई और सीबीआई कार्यालय के पास पुलिस ने सभी को रोकने की कोशिश की. लेकिन वे लोग नहीं रुके, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. कुछ शिक्षकों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है
बता दें कि बिहार में अतिथि शिक्षक 6 महीने से अलग-अलग उच्च माध्यमिक स्कूलों में पढ़ा रहे थे. शिक्षा विभाग ने कहे कि 9वीं, 10वीं क्लास के लिए 37947 और 11वीं और 12वीं वर्ग के लिए 56891 उच्च माध्यमिक स्कूलों में कुल 94738 शिक्षकों को नियुक्ति किया गया है. इसलिए अब अतिथि शिक्षक की जरुरत नहीं है. बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए अतिथि शिक्षक की नियुक्ति की थी. लेकिन सरकार ने अब उन्हें नौकरी पर रखने से मना कर दिया है.
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि एक तो नौकरी नहीं मिल रही है और दूसरी तरफ सरकार हम लोगों के साथ अन्नाय कर रही है. हम लोगों को जल्द से जल्द नौकरी दी जाए.