सिवान के चिलमरवा कांड को लेकर आज फैसला सुनाई गई है. एमपी एमएलए कोर्ट ने भाकपा माले के दरौली से विधायक सत्यदेव राम और जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा को बरी कर दिया है. इस मामले पर कोर्ट ने 28 मार्च को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि इस मामले पर कोर्ट ने 11 वर्ष बाद अपना फैसला सुनाया है.
भावुक हुए दोनों विधायक
कोर्ट परिषर से बाहर निकलते हुए दोनों विधायक अमर जीत कुशवाहा और सत्यदेव राम भावुक हो गए थे. दोनों विधायकों ने कहा ”मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा था, हम लोगों पर मन गढंत आरोप लगाए गए थे, वह गलत साबित हुए. एक लंबी लड़ाई लड़नी के बाद आज हमारी जीत हुई.”
क्या है पूरा मामला?
सिवान में 6 जुलाई 2013 में गैर मजरवुआ जमीन पर कब्जा करने के लिए दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई. इसमें एक पक्ष माले कार्यकर्ताओं का था. मारपीट के दौरान कई राउंड गोलियां चली, जिसमें बेलौर गांव के राज नारायण उर्फ राजू सिंह और मुकेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जबकि विश्राम मिश्रा जख्मी हो गए थे. घटना के बाद मृतक के परिजनों ने इस मामले में माले विधायक सत्यदेव राम, जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. उस समय अमरजीत कुशवाहा और सत्यदेव राम विधायक नहीं थे. बाद में माले पार्टी से चुनाव लड़कर सत्यदेव राम जेल में रहते हुए विधायक बन गए.