पूरी दुनिया में (23 मार्च) को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मौसम में होने वाले बदलाव से अवगत कराना है. विश्व मौसम संगठन विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाने में अहम भूमिका निभाता है. आज के दिन दुनिया के अलग-अलग देशों में कई तरह के कार्यक्रम और बैठक का आयोजन होता है. विश्व मौसम विज्ञान दिवस लोगों को पृथ्वी के वायुमंडल की रक्षा कैसे करनी है, उनकी भूमिका के बारे में भी जागरूक करता है.
विश्व मौसम विज्ञान दिवस को मनाने के लिए 23 मार्च का दिन इसलिए चुना गया है, क्योंकि इस ही दिन विश्व मौसम संगठन की स्थापना हुई थी. विश्व मौसम विज्ञान दिवस को मनाने के लिए हर वर्ष एक थीम रखी जाती है. तो जानते है इस दिन का इतिहास, थीम, उद्देश्य और महत्व के बारे में…
विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास काफी पुराना है. 23 मार्च, 1950 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना हुई थी. इस संगठन को बनाने का उद्देश्य मौसम के पूर्व अनुमान लगाने का था. और उसके बाद से ही पूरी दुनिया में 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया जाता है. मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय स्विट्जरलैंड में हैं.
इस वर्ष की थीम
हर वर्ष दिवस को लेकर अलग-अलग थीम रखी जाती है. इस वर्ष ‘जलवायु कार्रवाई की अग्रिम पंक्ति में’ (At the frontline of climate action) थीम रखी गई है. पिछले वर्ष की थीम ‘पीढ़ी भर में मौसम, जलवायु और पानी का भविष्य’थी.
विश्व मौसम दिवस मनाने का उद्देश्य
विश्व मौसम दिवस का मुख्य उद्देश्य खराब मौसम के बारे में लोगों को अवगत कराना, उससे होने वाले नुकसान को बचाना है. आज मौसम विभाग से जुड़ी जानकारियों का इस्तेमाल रडारों, कृत्रिम उपग्रहों, नाविकों, समुद्री जहाजों और हवाई विमान में किया जाता है.
विश्व मौसम दिवस का महत्व
आज का दिन सीर्फ देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्व रखता है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह आम लोगों की सुरक्षा और भलाई के लिए राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान के जरूरी सहयोग और योगदान को दर्शाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य धरती पर जलवायु बदलाव के कारण मौसम में हो रहे परिवर्तन पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है.