भागलपुर: जिला अंतर्गत नवगछिया के जयमंगल टोला स्थित अपने मुख्यालय में अखिल भारतीय अंगिका साहित्य विकास समिति ने सोमवार को कार्यकारिणी का विस्तार किया और अंग-अंगिका के समुचित सम्मान और अधिकार के प्रति संकल्पित करते हुए कर्मठ व कारगर लोगों के कंधों पर नई जिम्मेदारी सौंपी.
इस दौरान दुनियां की प्राचीन और अंग प्रदेश की लोकभाषा अंगिका के समुचित सम्मान और अधिकार के प्रति अनवरत चलाए जा रहे संघर्ष को लेकर विचार-विमर्श के उपरांत रणनीति बनाकर इसके लिए कर्मठ फौज को भी तैयार किया गया. इस मौके पर मौजूद समिति के संस्थापक/संरक्षक डॉ.रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास ने सर्वसम्मति से निर्णय लेकर समिति की नई कार्यकारिणी गठन करते हुए समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में डॉ.राकेश रंजन, राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोकीनाथ द राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.ब्रह्मदेव ब्रह्म और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रुप में डॉ.विलक्षण विभूति के नामों की घोषणा की. जिसपर उपस्थित सदस्यों ने अपनी-अपनी सहमति प्रदान की.
डॉ.आत्मविश्वास ने बताया कि टीम के अन्य सदस्यों के नामों की घोषणा भी शीघ्र की जाएगी. उन्होंने इस मौके पर समिति के नई फौज को अपनी रणनीति के तहत अंग-अंगिका के विकास कार्य को लेकर मूल मंत्र भी दिया. इसके बाद अंगिका भाषा के विकास के लिए सरकार से अनुदान की माँग, अंगिका दिवस समारोह के विकेन्द्रीकरण, अंगिका कार्यशाला-सह मानक वर्तनी-प्रशिक्षण-शिविर को गतिशील बनाने, टीएमबीयू में स्नातकोत्तर अंगिका विभाग सृजित करने-कराने के साथ अंग प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर अंगिका विभाग बनने-बनाने और अंग-अंगिका के विकास को लेकर सरकार से वार्ता व पत्राचार को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया गया. इस मौके पर डॉ. विलक्षण विभूति, डॉ. ब्रह्मदेव ब्रह्म, डॉ अमलेन्दु कुमार अंजन, श्रवण बिहारी, भोला कुमार बागवानी, उमेश मोहन शर्मा, डॉ. रमेश मोहन शर्मा आत्मविश्वास, श्रवण अमनेश्वर पूर्णिया, डॉ. राकेश रंजन के अलावा काफी संख्या में लोग मौजूद थे. उपस्थित लोगों ने समिति के नवनियुक्त अधिकारियों को फूल माला से लादकर पुष्पगुच्छ देते हुए बधाई दी.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार