बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक का मामला सामने आते ही राजनीति तेज हो गई है. पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे राज्य सरकार की नाकामी बताते हुए कहा कि यह सरकार शिक्षक बहाली को लटकाना, अटकाना और भटकाना चाहती है.
तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा, बिहार में तीसरे चरण की BPSC शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक के कारण 4 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को परेशानी हुई है. आखिर ऐसा क्यों हुआ? हमने महीनों में लाख से अधिक नौकरियां दी, कभी भी किसी नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ.’
आगे तेजस्वी ने लिखा ‘ हमने केवल दिनों में दो चरण में लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की. शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में लाख से अधिक अभ्यर्थी होने के बावजूद भी कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली. सब नियुक्ति निष्पक्ष, पारदर्शी और सहज प्रक्रिया से हुई. अब ऐसी कौन सी ताकत और तत्व बिहार सरकार में है जिसके कारण तीसरे चरण की नियुक्ति के लाखों परिक्षार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? सनद रहे, तीसरे चरण में भी लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का नीतिगत निर्णय हमारे कार्यकाल में हमने कराया था? अब ये NDA सरकार इसे लटका, अटका और भटका क्यों रही है?’
क्या है मामला?
बीपीएससी की तरफ से 15 मार्च को शिक्षक बहाली प्रक्रिया के तहत तीसरे चरण की परीक्षा होनी थी, लेकिन परीक्षा से ठीक पहले झारखंड के हजारीबाग में 5 बैंक्वेट हॉल में लगभग 300 अभ्यर्थियों को आंसर सीट दे दिया गया था. प्रोजेक्टर पर उन्हें प्रश्नों के उत्तर बताए गए. हालांकि बिहार पुलिस की ईओयू की टीम ने परीक्षा से पहले मास्टरमाइंड समेत 5 शातिरों को गिरफ्तार कर लिया.इनमें दो लोगों को हजारीबाद से, जबकि जहानाबाद, गया और नवादा से एक-एक शातिरों को पकड़ा गया है.