बांदा जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी को 36 साल पुराने फर्जी गन लाइसेंस मामले में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ वर्ष 1997 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था. मंगलवार (12 मार्च) को कोर्ट ने मुख़्तार अंसारी को दोषी करार दिया था. मुख्तार अंसारी के अपील की तरफ से राहत की अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट ने किसी भी तरह की राहत नहीं देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.
बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी को अब तक 7 मामलों में सजा हो चुकी है. सरकारी कर्मी को धमकाने के मामले में 21 सितंबर 2022 को तीन वर्ष की सजा सुनाई गई. हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में 23 सितंबर 2022 को दो साल कैद की सजा, गैंगस्टर एक्ट में 15 दिसंबर 2022 को दस साल की कैद की सजा. गैंगस्टर एक्ट में 29 अप्रैल 2023 को दस साल की कैद की सजा मिल चुकी है. आलमबाग थाने में दर्ज जेलर को धमकाने में 7 साल की सजा और चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में 5 जून 2023 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. रुंगटा परिवार को बम से उड़ने की धमकी देने में 15 दिसंबर 2023 को पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. आरोप था कि गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था. फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद सीबीसीआईडी ने 4 दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत 5 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया गया था. सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध 18 अगस्त 2021 को मुकदमा समाप्त कर दिया गया.