बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराधी इकाई (इओयू) एक्टिव मोड में है. इसी कड़ी में इओयू बड़ी कार्रवाई की है. इओयू की टीम गुरुवार को केंद्रीय चयन पार्षद के पुराने और नए दफ्तर पहुंचकर देर रात तक जांच में जुटी रही. टीम ने परीक्षा से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की जांच की.
पार्षद कर्मचारियों और पदाधिकारियों से परीक्षा संचालन से जुड़ी पूछताछ की. इस पूछताछ में परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र छपवाने से लेकर बांटने की जिम्मेदारी किसके पास थी, परीक्षा केंद्र में प्रश्नपत्र कैसे पहुंचा, इसकी मोंटरिंग की क्या व्यवस्था थी जैसे सवाल किए गए. इससे जुड़ी डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखा गया है.
बता दें कि सिपाही भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा पिछले साल अक्टूबर में ली गई थी, लेकिन अनियमितता की शिकायत मिलने पर रद्द कर दी गई थी. इस मामले में राज्य भर में 64 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 148 लोगों को पुलिस ने गिरफतार किया था.
इओयू ने इन सभी मामलों का अनुसंधान शुरू किया था. इओयू को 31 अक्टूबर को एक और नई प्राथमिकी दर्ज की. इसमें जालसाजी के साथ आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. इसी को लेकर इओयू ने कोर्ट से सर्च वारंट लेकर तलाशी ली है.