भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना का महाशिवरात्रि सबसे बड़ा पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शंकर मां पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन कुंवारी लड़कियां, विवाहित महिलाएं और लड़के व पुरुष भी महादेव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि का उपवास रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूर्ण करते है. इस पर्व को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिलता है. इस दिन भक्त नजदीक के शिवालय जाकर पूजा करते हैं. इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च यानी आज मनाई जा रही है. तो आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी मान्यताएं और महत्व…
महाशिवरात्रि पर्व से जुड़ी पौराणिक मान्यता
पौराणिक कथा के अनुसार शिवजी का विवाह दक्ष प्रजापति की पुत्री देवी सती के साथ हुआ था. दक्ष शिवजी को पसंद नहीं करते थे. उन्होंने महादेव को कभी भी अपना दामाद के रूप में स्वीकार नहीं किया. एक बार दक्ष प्रजापति ने विराट यज्ञ का आयोजन करवाया, जिसमें दक्ष ने शिवजी और माता सती को छोड़कर हर किसी को आमंत्रित किया था. इस बात की खबर जब माता सती को मिली, तो वह बहुत दुखी हुईं और वहां जाने का निर्णय ले लिया. भोलेनाथ के समझाने पर भी माता सती नहीं रुकीं और यज्ञ में शामिल होने के लिए अपने पिता के घर पहुंच गईं. सती को देखकर प्रजापति दक्ष बेहद क्रोधित हुए और उन्होंने महादेव का अपमान करना शुरू कर दिया. भगवान शिव के लिए दक्ष द्वारा कहे गए वचन और अपमान सुनकर माता सती सहन नहीं कर पाईं और उन्होंने खुद को उसी यज्ञ कुंड में भस्म कर लिया.