प्रधानमंत्री मोदी ने बेतिया को लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की सौगात दी. इसमें रेल, रोड, इथेनॉल प्लांट, सिटी गैस सप्लाई, एलपीजी गैस जैसे तमाम परियोजनाएं शामिल हैं. उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि के कर्मभूमि, माता सीता के शरणभूमि और लवकुश के ई भूमि पर हम सबके प्रणाम करत बानी.
मोदी ने कहा कि ये वो भूमि है, जिसने भारत की आजादी की लड़ाई में नए प्राण फूंके, नई चेतना का संचार किया. इसी धरती ने मोहनदास को गांधी बनाया. विकसित बिहार से विकसित भारत का संकल्प लेने के लिए बेतिया बेतिया और चंपारण से अच्छी जगह कोई हो ही नहीं सकती है.
पीएम ने विपक्षी पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद बिहार की एक बहुत बड़ी चुनौती रही है, यहां से युवाओं का पलायन. जब बिहार में गुंडाराज था, तब भारी संख्या में पलायन हुआ. गुंडाराज लाने वाले लोगों ने सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार की चिंता की और राज्य के लाखों बच्चों के भविष्य को दाव पर लगा दिया. पीएम ने आगे कहा कि मेरे नौजवान रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में जाते रहे. यहां एक ही परिवार फलता-फूलता रहा. यहां किस तरह नौकरी के बदले जमीनों पर कब्जा किया गया. क्या ऐसे लोगों को माफ किया जा सकता है? ये परिवार ही बिहार में युवाओं का सबसे बड़ा गुनहगार है. इसी परिवार ने राज्य में गुंडाराज लाकर लाखों परिवार से उनका भाग्य छीन लिया.
इंडी गठबंधन पर कही ये बात
एक तरफ नया भारत बन रहा है, वहीं दूसरी तरफ RJD, कांग्रेस का इंडी गठबंधन, अभी भी 20वीं सदी की दुनिया में जी रहे है. NDA की सरकार कह रही कि हम सभी घर को सूर्यघर बनाना चाहते हैं, लेकिन इंडी गठबंधन अभी भी लालटेन की लौ के ही भरोसे में है.
प्रधानमंत्री ने आगे ये भी कहा कि NDA की डबल इंजन सरकार ये प्रयास कर रही है कि बिहार के युवा को यहीं नौकरी मिले. जबतक बिहार में लालटेन ने राज किया, तब केवल एक ही परिवार की गरीबी मिटी, एक ही परिवार समृद्ध हुआ. आज जब मोदी ये सच्चाई बताता है, तो उल्टा मोदी को ही गाली देते हैं. भ्रष्टाचारियों से भरे इंडी गठबंधन सबसे बड़ा मुद्दा है कि मोदी का परिवार नहीं है!