National Safety Day: हर वर्ष पूरे भारत में 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व लोगों के बीच में स्वयं और दूसरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना, बढ़ते हुए हादसों को रोकने के लिए सभी को मोटिवेट करना. इसे मनाने के लिए कई सारे संगठनों और विभागों में विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, साथ ही सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले लोगों के योगदान को भी सम्मानित किया जाता है.
जानिए क्या है नेशनल सेफ्टी डे
किसी भी कार्य स्थल या सड़क पर होनी वाली घटनाओं के बारे में लोगों को पहले से जागरूक और सुरक्षा से जुड़े प्रोटोकॉल्स के बारे में जानकारी देने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. सामान्य शब्दों के कहें तो इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों के द्वारा किए जाने वाले काम को सुरक्षा के साथ किस तरह से किया जाए, उसके बारे में जागरूक करना है, ताकि इससे उनकी जिंदगी सुरक्षित रह सके.
जानें इसका इतिहास
4 मार्च, 1966 को भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के द्वारा गैर लाभकारी संस्थान के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को गठित की गई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षा प्रदान करना था. वर्ष 1972 में पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया था. उसके बाद से हर साल 4 मार्च को नेशनल सेफ्टी डे मनाया जाने लगा.
नेशनल सेफ्टी डे मनाने के उद्देश्य
हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच बढ़ती हुई दुर्घटनाओं को कम करना है. साथ ही काम करने की जगह, सड़कों पर, किसी सार्वजनिक आदि जगहों खुद को और अपने आस-पास मौजूद लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जागररूक करना और उन्हें शिक्षित करना. इसके अलावा रोजाना होने वाली सड़क दुर्घटना या कार्य स्थल पर होने वाले हादसों को कम करना है.
नेशनल सेफ्टी डे मनाने के महत्व
लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर अलग-अलग संस्थानों पर कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के चलते लोगों को उनकी व्यक्तिगत सुरक्षाओं को बारे में शिक्षित किया जाता है. साथ ही सुरक्षा प्रोटोकॉल्स भी बताए जाते है, जिसका इस्तेमाल कर वह अपने कार्यस्थल पर होने वाली घटनाओं को रोक सकते हैं.