दिल्ली सरकार आज यानी सोमवार को 2024 -25 के लिए बजट पेश करेगी. इस साल बजट में लोकसभा चुनाव और 11 माह बाद होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव का असर दिख सकता है. माना जा रहा है कि सरकार इस साल भी जनता से जुड़ी परियोजनाओं पर फोकस करेगी. बता दें कि अरविंद केजरीवाल सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम पूर्ण बजट है.
अगला बजट पेश होने से पहले ही फरवरी में विधानसभा चुनाव हो जायेंगे. विशेष बात है कि आप सरकार का यह लगातार दसवां बजट है, जिसे वित्त मंत्री आतिशी पहली बार पेश करेंगी. इस बार 80 हजार करोड़ से ऊपर का बजट रह सकता है. बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन पर भी फोकस रह सकता है.
दिल्ली में इस साल से लेकर अलगे साल तक बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतार देने की योजना है. वित्त वर्ष 2023-24 की बात करें तो उस बजट में शिक्षा पर सबसे अधिक 16,575 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य पर 9742 करोड़ का प्रविधान किया गया था. पिछली बार परिवहन पर 9337 करोड़ तथा शहरी विकास के लिए 8239 करोड़ का प्रविधान रखा गया था.
दिल्ली सरकार के आगामी बजट में दिल्लीवासी अनधिकृत कॉलोनियों के उत्थान पर फोकस रहने वाला है. विशेष रूप से सड़क बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की पहल के लिए बड़े वित्तीय प्रोत्साहन की उम्मीद की जा रही है. उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए दिल्ली सरकार करीब 1000 करोड़ रुपये के बजटीय पैकेज का ऐलान कर सकती है.
अनधिकृत कॉलोनियों के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के साथ-साथ जल आपूर्ति पाइपलाइनों और सीवर नेटवर्क को बढ़ाना भी सरकार की 2024-25 की योजना में प्राथमिकता वाला योजनाओं में शामिल है. वर्तमान में दिल्ली में लगभग 1800 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिनमें शहर की 30 प्रतिशत आबादी रहती है. वहीं ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए भी 900 करोड मिल सकते हैं.
बजट में बिजली-पानी में छूट, बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा समेत कई पुरानी योजनाओं को जारी रखने के लिए राशि का प्रविधान रजर आएगा. यमुना नदी को साफ करने के साथ-साथ कूडे़ के तीनों पहाड़ हटा दिए जाने का भी जिक्र किया जा सकता है. पर्यावरण को भी बजट में प्राथमिकता मिलेगी. दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है. प्रदूषण कम करने के लिए योजनाओं को बजट में दिखा सकता है.
सरकार के लिए शहर में ढांचागत विकास भी प्राथमिकता में ही शामिल है. दिल्ली में सड़क फ्लाईओवर, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल से लेकर अन्य कार्य चल रहे हैं. कई परियोजनाओं को जमीन पर उतारा जाना है. पहली से चल रहीं परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाना है. इसके लिए बजट की जरूरत है.