मनी लॉन्ड्रिंग के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है जो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तमाम नेताओं की मुसीबत बढ़ा सकती है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामले में कोई जांच बैठती है और प्रवर्तन निदेशालय (ED) किसी को समन भेजती है तो उसे पेश होना ही होगा. इतना ही नहीं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) के तहत जरुरत पड़ने पर सबूत भी पेश करना आवश्यक होगा.
बता दें कि पीएमएलए के सेक्शन-50 में ईडी के अधिकारियों को ये ताकत दी गई है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े किसी केस की जांस के सिलसिले के लिए जरूरी समझने वाले शख्स को समन भेज कर पेश होने के लिए बुला सकती है.
ये है पूरा मामला
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी, तमिलनाडु में एक कथित रेत खनन घोटाले की जांच कर रही थी और इस सिलसिले में तमिलनाडु के 5 जिला कलेक्टर को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि, ईडी के समन को तमिलनाडु सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ईडी के समन पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद से ईडी ने मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया. जहां सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के समन पर लगी रोक को हटा दिया. ऐसे में अब रेत खनन घोटाले मामले में ईडी के द्वारा जिन 5 अधिकारियों को समन भेजा गया था उन्हें उसके समक्ष पेश होना पड़ेगा.
अरविंद केजरीवाल की बढ़ सकती है मुसीबत
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुसीबत बढ़ती हुई नजर आ रही है. दरअसल, दिल्ली शराब घोटाले मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी अब तक 8 समन भेज चुकी है लेकिन अब तक वो ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं. ऐसे में अब तमिलनाडु में कथित रेत खनन घोटाले मामाले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी केजरीवाल की मुसीबत बढ़ा सकती है.