तीन नए आपराधिक कानून देश में 1 जुलाई से लागू होंगे. इसे लेकर केंद्र सरकार ने आज अधिसूचना जारी की है. इसमें कहा गया है कि ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता (IPC), भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से लागू होंगे. ये तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं.
इन तीनों बिलों को शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों से पारित किया गया था. ये तीनों नए कानून भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और आईपीसी की जगह लेंगे. ये तीन नए कानून आतंकवाद, मॉब लिंचिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए सजा को और अधिक सख्त बना देंगे.
भारतीय न्याय संहिता में जहां 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, वहीं आईपीसी में मौजूद 19 प्रावधानों को हटाया भी गया है. साथ ही 33 अपराधों में कारावास की सज़ा बढ़ाई गई है. 83 प्रावधानों में जुर्माने की सजा को बढ़ाया गया है, जबकि 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान भी किया गया है और 6 अपराधों में ‘सामुदायिक सेवा’ की सजा का प्रावधान है.