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Home इतिहास और संस्कृति

International Mother Language Day: क्यों मनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस? जानिए इतिहास और महत्व

param by param
Feb 21, 2024, 07:36 pm GMT+0530
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अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जागरूकता फैलाने और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए 21 फरवरी को मनाया जाता है. भारत सैकड़ों भाषाओं और हजारों बोलियों का घर माना जाता है और यही देश की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को दुनिया में सबसे अनोखी बनाती है. विश्व में 7,000 से अधिक भाषाएं हैं इसमें 1635 मातृभाषाए. और 234 पहचान योग्य मातृभाषाएं हैं. जबकि अकेले भारत में लगभग 22 आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त भाषाएं हैं. भाषा न केवल संचार का साधन है बल्कि यह विविध सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती है.

इसके इतिहास पर रोशनी डालें तो यह दिवस बांग्लादेश के कारण ही मनाया जाता है. वर्ष 1946 के विभाजन के बाद पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) और और पश्चिमी पाकिस्तान (आज का पाकिस्तान) अस्तित्व में आया. 1948 में पाकिस्तान सरकार ने उर्दू को राष्ट्रीय भाषा घोषित कर दिया और इसके कारण तनाव और अधिक बढ़ गया और पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली भाषी बहुसंख्यक छात्रों ने इसके खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया. 21 फरवरी 1952 में ढाका विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए एक विरोध प्रदर्शन किया था. यह विरोध प्रदर्शन बहुत जल्द एक नरसंहार में बदल गया जब तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसा दी. इस घटना में 16 लोगों की जान गई थी. भाषा के इस बड़े आंदोलन में बलिदान हुए लोगों की याद में नवंबर 1999 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की थी. कह सकते हैं कि बांग्ला भाषा बोलने वालों के मातृभाषा के लिए प्यार की वजह से ही आज विश्व में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है. जबकि संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 2002 के अपने संकल्प में इस दिन की घोषणा का स्वागत किया.

इसके बाद 16 मई, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव में सदस्य देशों से दुनिया के लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली सभी भाषाओं के संरक्षण और संरक्षण को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया. वहीं 2008 में महासभा ने बहुभाषावाद और बहुसंस्कृतिवाद के माध्यम से विविधता में एकता और वैश्विक समझ को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष की घोषणा की और यूनेस्को को वर्ष की प्रमुख एजेंसी के रूप में नामित किया.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस पहल से भाषाओं से संबंधित समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ी है और दुनिया के कई हिस्सों में भाषा विविधता और बहुभाषावाद के लिए रणनीतियों और नीतियों के कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए संसाधन और साझेदार जुटाए गए हैं.

हम इस बात को नकार नहीं सकते कि भाषा सभी प्रकार के संचार के लिए मौलिक है और संचार मानव समाज में परिवर्तन और विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष तब बनाया गया था, जब भाषाई विविधता पर खतरा बढ़ता जा रहा था.

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 का थीम है- “बहुभाषी शिक्षा पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है.”

यूनेस्को इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित करता है और लोगों को अपनी मातृभाषा के बारे में ज्ञान बनाए रखने और एक से अधिक भाषाओं का उपयोग सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है. इस मौके पर भाषा सीखने और समर्थन को बढ़ावा देने के लिए सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कई नीतियों की भी घोषणा की जाती है. भाषाओं की विविधता का जश्न मनाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं.

लेकिन आपको बता दें कि भाषाई विविधता तेजी से खतरे में है क्योंकि कई भाषाएं लुप्त हो रही हैं. यूनेस्को के अनुसार, दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी को उस भाषा में शिक्षा उपलब्ध नहीं है जिसे वे बोलते या समझते हैं. इसलिए, इसके महत्व को समझने की आवश्यकता के साथ मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा में प्रगति करना आवश्यक है.

Tags: 21 February Celebrated asInternational Mother Language DayToday History
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