पूर्वी चंपारण: मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो और तो सामने हर बाधाएं आसान हो जाती है. ऐसा ही मिसाल पेश किया है, जिले के रक्सौल शहर के कौड़ीहार निवासी सुरेश पटेल के पुत्र श्लोक कुमार ने जिसने अपने आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से गरीबी और अभाव की बाधाओ को पार एनटीए द्वारा ली गई जेईई मेंस की प्रवेश परीक्षा में 98.20 प्रतिशत अंक लाकर सबको चौकने व गर्व करने पर मजबूर कर दिया है.
श्लोक कुमार की इस उपलब्धि पर न केवल उसके माता पिता और उसे निःशुल्क पढ़ाने वाली दीपा क्लासेज की शिक्षिका दीपा कुमारी बल्कि हर शहरवासी गर्व महसूस कर रहे है. उल्लेखनीय है, कि श्लोक के पिता नेपाल के बीरगंज में छोटा किराना दुकान चलाते हैं, जिससे बमुश्किल उनके परिवार का गुजर-बसर होता है. श्लोक की शिक्षिका दीपा कुमारी बताती है, कि श्लोक एक ही पैंट पहनकर में पूरा साल क्लास में आता रहा. उसके पास एक काफी पुरानी साईकिल थी, उसे भी चोरों ने चुरा लिया. फिर भी उसके अंदर लगन ऐसा था, कि फटे चप्पल पहनकर वह पैदल आकार पढ़ाई करता. उसकी परिवारिक हालत व फटेहाल स्थिति को देख हमने उसकी पढ़ाई अपने यहां निःशुल्क कर दी. बाकी उसने स्वाध्याय से करके देश में इंजीनियरिंग की सबसे बड़ी परीक्षा में इस सफलता को अर्जित किया.
श्लोक ने सफलता का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षिका दीपा को देते बताया कि उसने मैट्रिक की पढ़ाई एसएवी स्कूल से किया और इंटरमीडिएट की पढ़ाई केसीटीसी काॅलेज से किया. ज्यादा पढाई व घर पर करता था.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार