भागलपुर: अंगप्रदेश की दंतकथा पर आधारित अंगिका फीचर फिल्म महुआ घटवारिन को महाराष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बेस्ट डायरेक्टर फॉर फीचर फिल्म के लिए अनुज रॉय को सम्मानित किया गया.
संस्था द्वारा अनुज को मोमेंटो और सर्टिफिकेट दिया गया. उल्लेखनीय हो कि अनुज भागलपुर के बरारी बरगाछ चौक के निकट के रहने वाले हैं. वर्तमान में ये दिल्ली में रहते हैं. इस फिल्म की शूटिंग भागलपुर के आस पास की गई थी. फिल्म के लेखक अरुण कुमार राय उर्फ शीतांशु अरुण है. हाल ही में महुआ घटवारिन के नाम से उपन्यास भी प्रकाशित की गई है.
फिल्म निर्माण से जुड़े कलाकार सहित सभी सदस्य उत्साहित हैं. अंगिका भाषा में बनी ये फिल्म क्षेत्रीय तक सीमित न होकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बनेगी. अनुज का कहना है कि अंगिका सिनेमा इंडस्ट्री को तैयार करने में उनकी यह एक छोटी सी प्रयास है. सिने इंडस्ट्री बनने से कलाकार सहित तकनीक क्षेत्र के लोगों को भी रोजगार मुहैया होगा. फिल्म निर्देशक अनुज रॉय ने टीम के सभी सदस्य को धन्यवाद देते हुआ कहा कि ये किसी एक की मेहनत नहीं है. हम सबों की मेहनत रंग लाई। फिल्म मेकिंग एक टीम वर्क है। मेरे टीम बहुत अच्छी है.
प्रोड्यूसर के तौर पर चंद्रमौली झा का आभार व्यक्त करता हू. फिल्म में मुख्य कलाकार सागर शर्मा, अनन्या सिंह सूर्यवंशी, तारीका जैन, चारु शर्मा एवं सूरज आंनद है. इस फिल्म की शूटिंग भागलपुर के आस पास के क्षेत्रों में हुई है. भागलपुर और इसके आस पास के कई कलाकार इस फिल्म का हिस्सा रहे हैं. इनमे से एक है सूरज आनंद. सूरज आनंद दांतों के डॉक्टर हैं लेकिन अभिनय में इनका झुकाव हमेशा से रहा है. सूरज का कहना है कि मैं हमेशा से भोजपुरी फिल्म देखकर सोचता था कि अंगिका भी इसी बिहार का हिस्सा है. लेकिन इसपर कोई ध्यान नही देता. मुझे जैसे ही अंगिका में बनने वाली फिल्म महुआ घटवारिन के बारे में पता चला तो मैने इस फिल्म के लिए अपने को तैयार किया. मुझे विश्वास है अंगिका में बनी ये फिल्म एक मिशाल तय करेगी.
इस फिल्म के मुख्य अभिनेता सागर शर्मा ने सबों को बधाई और धन्यवाद देते हुआ कहा कि ये मेरी पहली फीचर फिल्म है. जिसमें मैने मुख्य किरदार को निभाया। मैं शुरुआती दौर में काफी नर्वस था. मेरे फिल्म के निर्देशक और मेरे सहयोगी कलाकार ने मुझे काफी सहयोग किया. मेरे और मेरी पूरी टीम के लिए खुशी की बात है. फिल्म महुआ घटवारिन की मुख्य अदाकारा अनन्या सिंह सूर्यवंशी कहती हैं कि इस फिल्म की शूट से पहले मैं कभी गांव गई ही नहीं. गांव को सिर्फ किताबों में पढ़ा और फिल्म में देखा था. जब मैं इस फिल्म का नरेशन सुनी थी तो मैने तय कर लिया था मुझे इस किरदार में अपने आप को झौंक देना है. मैं बहुत खुश हूं.
रिल्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और एशियन टैलेंट फिल्म फेस्टिवल ने संयुक्त रूप से सम्मान समारोह किया. बेस्ट डायरेक्टर फॉर फीचर फिल्म का सम्मान रील्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और स्पेशल ज्यूरी अवार्ड एशियन टैलेंट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल द्वारा दिया गया. सम्मान समारोह छत्रपति संभाजी नगर, औरंगाबाद, महाराष्ट्र में मौलाना आजाद रिसर्च सेंटर में हुआ.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार