बिहार में राजनीतिक उठापटक के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. नीतीश सरकार ने विधानसभा में पेश विश्वास मत में जीत हासिल कर ली है. एनडीए के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े हैं. इस बीच विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था. इससे पहले पटना में सियासी उठापटक देखने को मिली. आरजेडी, कांग्रेस समेत महागठबंधन में शामिल सभी विधायकों को पटना में तेजस्वी आवास पर रोका गया था, वहीं बीजेपी-जेडीयू विधायकों को चाणक्य होटल और पाटलिपुत्र होटल में रखा गया था.
129 विधायकों ने जहाँ नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया, वहीं विपक्षी दलों ने सदन के वॉकआउट का रास्ता चुना. इस तरह अब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. उससे पहले मुख्यमंत्री ने सदन में संबोधन देते हुए कहा कि को 2015 में ‘7 निश्चय’ लेकर आए थे, जो पूरा का पूरा उनका आईडिया ही था. उन्होंने कहा कि जब वो सत्ता में आए तब उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया. उन्होंने 2005 से पहले के इतिहास का बात करते हुए कहा कि उस समय के मामलों में भी कार्रवाई उनके सत्ता में आने के बाद ही शुरू हुई.
नीतीश कुमार ने कहा कि हम बिहार के विकास के लिए, लोगों के हित में काम करते रहेंगे. उन्होंने तेजस्वी यादव के आवास में राजद विधायकों को रखे जाने के संबंध में कहा कि पैसा कहां से आया, इसकी जांच करवाई जाएगी. नीतीश कुमार ने कहा कि अब वो अपनी पुरानी जगह वापस आ गए हैं. फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए मतदान हुआ. उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने भी जिक्र किया कि कैसे लालू परिवार ने जमीन लेकर नौकरियां दी.
बता दें कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें है. बहुमत का आंकड़ा 122 है, जबकि एनडीए के पास 128 विधानसभा सदस्य हैं. जिसमें बीजेपी के पास 78 सीटें, जेडीयू के पास 45 सीटें, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 सीटें और एक निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी साथ हैं. जबकि विपक्ष के पास 114 विधायक हैं. इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19, सीपीआई (एमएल) के 12, सीपीआई (एम) के 2, सीपीआई के 2 विधायक शामिल हैं.