बिहार में सियासी घमासान के बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं. नई सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होंगे. सरकार बनाने के बाद सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और मंत्रिमंडल में पुराने फॉर्मूले के तहत ही मंत्रियों की संख्या तय होगी.
सूत्रों ने बताया कि करीब 3 से 4 विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा. जबकि लोकसभा चुनाव में जेडीयू की सीटों की संख्या घटेगी. जेडीयू को लोकसभा में 12-15 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है.
एनडीए में शामिल गठबंधन दलों को समायोजित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. बीजेपी की तरफ से ज्यादातर पुराने चेहरे मंत्रिमंडल का हिस्सा होंगे, लेकिन नए चेहरों को भी मौका दिया जाएगा. उप मुख्यमंत्री पद में कुछ बदलाव हो सकता है.
पहले तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी उप मुख्यमंत्री बनाये गये थे. बीजेपी-जेडीयू के बीच समझौते को लेकर सभी मंत्रिमंडल का फॉर्मूला भी पुराना ही होगा, यानी, गठबंधन में बीजेपी जेडीयू के अलावा अन्य सहयोगियों में से उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, जीतन राम मांझी की हम को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जाएगा. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर अभी संदेह बना हुआ है.
बिहार में नीतीश कुमार की तरफ से कांग्रेस, आरजेडी और लेफ्ट से गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ जाने की कई दिनों से अटकलें हैं. इस बीच सूत्रों ने नीतीश कुमार को लेकर दावा किया है.
गुरुवार को ही बिहार बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इस बीच चिराग पासवान भी दिल्ली आने वाले हैं. उनकी गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हो सकती है. नीतीश कुमार अगर एनडीए में शामिल होते हैं तो यह इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका हो सकता है.