दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने हिंसा और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अटूट रुख को फिर दोहराया है। उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध में नागरिकों की मौत की निंदा की और संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में बढ़ती चुनौतियों के सामने वैश्विक दक्षिण के बीच एकता और सहयोग की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमास और इजराइल के मध्य जारी संघर्ष पर आज (शुक्रवार) को कहा कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नई चुनौतियां उभर रही है. समय आ गया है कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देश पूरी दुनिया के व्यापक हित में मिलकर आवाज उठाएं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने इजराइल पर आतंकवादी हमले की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘ हम हमास और इजराइल के बीच संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. हमने बातचीत और कूटनीति के साथ-साथ संयम पर भी जोर दिया है. हम देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नई चुनौतियां उभर रही हैं. भारत ने विकासशील देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और चिंताओं पर आवाज उठाने के लिए जनवरी में ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ के पहले संस्करण की मेजबानी की थी.’
उन्होंने कहा कि ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ’ 21वीं सदी की बदलती दुनिया को प्रतिबिम्बित करने वाला सर्वश्रेष्ठ मंच है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ हम 100 से अधिक देश हैं लेकिन हमारी प्राथमिकताएं समान हैं.’ प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में पांच ‘सी’- परामर्श, संचार, सहयोग, रचनात्मकता और क्षमता निर्माण के ढांचे के तहत सहयोग की अपील की . प्रधानमंत्री ने संबोधन में जी-20 में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा,’ मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता जब भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था.’
उन्होंने जी-20 में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की भी चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार जी-20 देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन देने पर गंभीरता दिखाई है. साथ ही जी-20 में ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों को जलवायु परिवर्तन पर आसान शर्तों पर वित्त और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की सहमति बनी. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि नई तकनीक से ‘ग्लोबल साउथ’ और ‘नॉर्थ’ के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए. उल्लेखनीय है ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अकसर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है. यह मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में हैं.