नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से “टू-प्लस-टू वार्ता” के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस दौरान भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूती देने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और विकास पर भी व्यापक बातचीत हुई. बता दें कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र यूरोप, एशिया समेत ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के लिए पिन प्वाइंट है. इस क्षेत्र में चीन के दबदबे को खत्म करने के लिए अमेरिका भारत के साथ आ गया है. अन्य यूरोपीय देशों का भी झुकाव भारत के प्रति बढ़ने को लेकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र ही बड़ी मजबूरी है.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र लगभग पूरी दुनिया के लिए विकास और व्यापार की दृष्टि से एक ऐसा बड़ा मार्ग है, जो अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का आधार स्तंभ है. एंटनी ब्लिंकन ने अपने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा कि मैंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा कि कैसे अमेरिका और भारत एक खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कैसे काम कर रहे हैं. मैं उज्जवल भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा और अंतरिक्ष में हमारे नवाचारों को जारी रखने के लिए तत्पर हूं.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजराइली सैन्य कार्रवाई के कारण गाजा में आम नागरिकों की मौत होने के मामले की कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में बहुत से फिलस्तीनी मारे गए हैं और बहुत से लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता के अंत में एक मीडिया ब्रीफिंग में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि फिलस्तीनी नागरिकों को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है. इजराइली सैन्य कार्रवाई में गाजा में बड़ी संख्या में आम लोगों की मौत होने और घायलों की बढ़ती संख्या को लेकर बढ़ते असंतोष के बीच ब्लिंकन की यह टिप्पणी सामने आई है.
ब्लिंकन ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में बहुत से फिलस्तीनी मारे गए हैं, बहुत से लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. और हम उन्हें नुकसान से बचाने तथा उन्हें मिलने वाली सहायता को अधिकतम करने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए, हम इजरायल के साथ उन ठोस कदमों पर चर्चा करना जारी रखेंगे जो इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जा सकते हैं. हम (हमास द्वारा) बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के प्रयास पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे.