शेयर बाजार में आम तौर पर हर सोमवार से शुक्रवार तक 5 दिन कारोबार होता है. सोमवार को पहला कारोबारी दिन कहते हैं और शुक्रवार को आखिरी. हर सप्ताह शनिवार और रविवार को बाजार में साप्ताहिक अवकाश होते हैं. इस बार दिवाली के दिन यानी रविवार को इतिहास बनने वाला है, क्योंकि अस बार संडे होने के बाद भी शेयर बाजार में कारोबार होने वाला है. और इसका सीधा कारण दिवाली से जुड़ा है.
दरअसल दिवाली का त्योहार भारतीय शेयर बाजार के लिए भी खास होता है. हर साल दिवाली से नए संवत की शुरुआत होती है. नया संवत का मतलब है नया कारोबारी साल. इस कारण संवत का भारत में कारोबारियों के लिए खास महत्व होता है. संवत में बदलाव के इस मौके पर ऐसी परंपरा रही है कि कारोबारी पूजा-पाठ करते हैं और पुराने बही-खातों की जगह नए बही-खाते शुरू करते हैं.
संवत में होने वाले इसी सालाना बदलाव के उपलक्ष्य में अब हर साल दिवाली के मौके पर शेयर बाजार में विशेष ट्रेडिंग सेशन का बंदोबस्त किया गया है. इस स्पेशल ट्रेडिंग को मुहूर्त ट्रेडिंग के नाम से जाना जाता है. चूंकि इस बार दिवाली का त्योहार रविवार 12 नवंबर को पड़ रहा है, इस बार संवत के बदलाव पर होने वाली खास ट्रेडिंग यानी मुहूर्त ट्रेडिंग संडे को होगी.
बीएसई और एनएसई की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग का समय शाम के 6 बजे से 7 बजकर 15 मिनट है. यानी दिवाली के दिन रविवार को शाम के 6 बजे 7 बजकर 15 मिनट तक सवा एक घंटे के लिए बाजार में स्पेशल ट्रेडिंग होगी. इसमें 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन भी शामिल है. मुहूर्त ट्रेडिंग के तहत हर साल बाजार को एक घंटे के लिए खोला जाता है.
मुहूर्त ट्रेडिंग का व्यवसायिक तौर पर कोई बहुत महत्व नहीं है, लेकिन यह सिंबोलिक महत्व रखता है. ऐसी मान्यता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग बाजार में नए संवत यानी नए साल की शुरुआत के लिए शुभ है. इस कारण मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन कई इन्वेस्टर प्रतीकात्मक सौदे करते हैं और इस तरह वे नए साल में ट्रेडिंग की औपचारिक शुरुआत करते हैं.
सामान्य तौर पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार तेजी के साथ ही बंद होता है. पिछले 10 सालों के इतिहास को देखें तो कुछ मौकों को छोड़कर ज्यादा बार मुहूर्त ट्रेडिंग में बाजार ग्रीन जोन में रहा है. पिछले 10 में से 7 बार बाजार ग्रीन रहा है, जबकि 3 बार उसे नुकसान झेलना पड़ा है. इस बार की बात करें तो मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ विक्रम संवत 2080 की शुरुआत होगी.