बाजार में जारी तेजी और मिल रहे अच्छे रिटर्न के चलते देश में डीमैट अकाउंट की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है और डीमैट खातों की संख्या ने एक नया रिकार्ड बनाया है. देश में अक्टूबर तक 13.22 करोड़ से भी ज्यादा डीमैट खाते हो चुके हैं. यह आंकड़ा पिछले 11 महीने में सबसे ज्यादा है. इनमें से सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL) में लगभग 9.85 करोड़ और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (NSDL) में 3.38 करोड़ से भी ज्यादा खाते हैं. एक वर्ष पहले के मुकाबले लगभग 2.79 करोड़ डीमैट अकाउंट बढ़ गए हैं.
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, मार्च के बाद से ही बाजार में काफी तेजी देखी गई है. अब तक मिडकैप शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया है. इस साल अभी और बदलाव देखने को मिलेंगे क्योंकि मिडकैप और स्मॉलकैप बेहतर रिटर्न दे रहे हैं. सबसे ज्यादा निवेशक इन्हीं शेयर में पैसा लगाना पसंद करते हैं. मार्च से अब तक सेंसेक्स में 9.34 प्रतिशत और निफ्टी में 11.24 प्रतिशत का उछाल आया है. आगे भी पिछले साल के मुकाबले तेजी दिखाई देती रहेगी.
विशएषज्ञों की माने तो डीमैट अकाउंट बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. मार्च के बाद से ही निवेशकों को अच्छा मुनाफा हुआ है, जिसका असर डीमैट खातों पर भी दिखाई दिया है. पहले भी मार्केट में आई तेजी ने डीमैट अकाउंट के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाया है.
दरअसल डिजिटल क्रांति के चलते कंपनियों में भी बदलाव हुए हैं. तकनीक की मदद से कंपनियां तेजी की वजह से ही ज्यादा क्लाइंट को सेवाएं दे पा रही हैं. डिजिटल एप ने नए लोगों को डीमैट अकॉउंट से जोड़ा है. इन एप की वजह से पुरानी कंपनियों को भी अपनी सेवाएं बेहतर करनी पड़ी हैं.
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