साल 2020 के विधानसभा चुनाव में रोजगार चुनावी मुद्दा था. राजनीतिक दलों पर रोजगार देने के लिए दबाव भी था. वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन की ओर से युवाओं को लुभाने के लिए आज गांधी मैदान में एक लाख 20 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटने की तैयारी की गई है. गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सफल शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे.
बिहार शिक्षक नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्रेडिट लेने की कोशिश की. सीएम ने एक दिन पहले अपने भाषण के दौरान लंबे-चौड़े दावे भी किए. उन्होंने कहा कि बिहार में बड़ी तादाद में युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री ने आरजेडी कोटे के मंत्रियों को नसीहत भी दी कि कोई मंत्री श्रेय लेने की कोशिश ना करें. क्रेडिट सरकार को देना चाहिए.
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने युवाओं से रोजगार देने का वादा किया था और उनके सपने सच हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन संकल्पों के साथ तेजस्वी यादव सरकार में आए थे, उन वादों को पूरा किया जा रहा है. आरजेडी ने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘तेजस्वी बन रहा है बिहार.’
महागठबंधन सरकार में श्रेय लेने की होड़ पर बीजेपी प्रवक्ता योगेंद्र पासवान ने कहा कि महागठबंधन में आपसी खींचतान है. राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड किसी को क्रेडिट देना नहीं चाहते हैं. नियुक्ति मामले में भी दोनों दल क्रेडिट लेने में जुटे हैं लेकिन जनता सब कुछ समझ रही है.
शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में आरजेडी और जेडीयू के बीच दूरी स्पष्ट रूप से दिख रही है. पटना में सरकार की ओर से कई पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है. किसी भी पोस्टर में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को जगह नहीं दी गई है.