बिहार के युवा विज्ञान के क्षेत्र में खूब आगे बढ़ रहे हैं. भागलपुर का युवा वैज्ञानिक गोपाल जी का प्रोजेक्ट नाशा के लिए चयनित हुआ है. गोपाल ने मिशन चांद रोवर बनाया है, जिसके माध्यम से अंतरिक्ष यात्री चांद पर भ्रमण कर सकते हैं. गोपाल ने इस सफलता से अपने गांव ही नहीं बल्कि भारता का भी नाम रोशन किया है. यह प्रोजेक्ट नासा पास कर देता है तो इसका चांद मिशन में प्रयोग किया जाएगा.
गोपाल जी मूल रूप से भागलपुर के खरिक के रहने वाले हैं. 24 वर्षीय गोपाल अपनी टीम के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को डिजायन किया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि HERC (human exploration Rover challenge) के तहत नासा की ओर से ओलंपिक कराया गया था, जिसमें इनकी टीम का प्रोजेक्ट भी चयनित हुआ. युवा वैज्ञानिक का संस्था यंग माइंड रिसर्च डिवेलपमेंट की टीम ने प्रोजेक्ट को डिजायन किया है.
गोपाल ने बताया कि दुनिया में 72 टीमों का सेलेक्शन हुआ है. भारत से तीन टीम चयनित हुई हैं, जिसमें गोपाल जी की संस्था यंग माइंड रिसर्च डिवेलपमेंट भी शामिल है. बाईएमआरडी के तहत कई उच्च विद्यालयों से सात बच्चों का चयन किया गया है, जिस टीम का नाम काइजेल है. टीम ने मिलकर नासा के मून मिशन के लिए ह्यूमन रोवर तैयार की है. 2024 के अप्रैल में नासा में इसका परिक्षण किया जाएगा. योग्य साबित हुआ तो नासा पुरस्कृत करेगी.
इस दौरान गोपाल ने अपने संस्थाओं के लिए मदद की भी अपील की. गोपाल के नाम कई बड़ी उपलब्धि है. 13 साल की उम्र में केले से बिजली उत्पन्न कर खूब नाम कमाया था. अब गोपाल केले के पल्प से सिंगल यूज प्लास्टिक, प्लेट, पेपर बना रहे हैं. इनके काम को पीएम नरेंद्र ने भी सराहा है. तीन बार नासा में काम करने का ऑफर मिला था, जिसे इन्होंने ठुकरा दिया. बताया जा रहा है कि गोपाल जी पर बॉलीवुड में बायोपिक बनने वाली है.