बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं. खासकर, शिक्षक भर्ती में राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों को मौका देने को लेकर वह सरकार और नीतीश कुमार पर तंज कसते नजर आ रहे हैं. जीतन राम मांझी ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर के नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि गया जिले में सरकार को बिहारी अभ्यर्थी ही नहीं मिले. यही कारण है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए बाहर से शिक्षक इंपोर्ट किये गए हैं.”आपसे अच्छे तो बड़े भाई थे. जमीन लेकर ही सही, नौकरी तो बिहारियों को दी. आप भी नौकरी यहीं के लोगों को बेच देतें”- जीतन राम मांझी, संरक्षक, हम
जीतन राम मांझी ने बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. अभी एक दिन पहले भी उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर सीधा आरोप लगाया था कि उत्तरप्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट के लोगों को खुश करने के लिए वहां के अधिकतर अभ्यर्थियों को बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में मौका दिया गया है. क्योंकि नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में फूलपुर से चुनाव लड़ने वाले हैं.
इससे पहले भी जीतन राम मांझी बिहार में शिक्षक भर्ती प्रकिया में धांधली का आरोप लगाते रहे हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. उनका कहना था कि बिहार में लैंड फॅार जॅाब की तर्ज पर शिक्षक भर्ती में भी घोटाला हुआ है. उस वक्त भी उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर बिहार सरकार पर यह आरोप लगाया था कि यहां ‘पैसा दो और सरकारी नौकरी लो’ वाला काम हुआ है.
सोशल मीडिया पर अपने ट्वीटर हैंडल से लगातार जीतन राम मांझी शिक्षक नियुक्ति में बिहारियों की हकमारी का मुद्दा उठा रहे हैं. साथ-साथ ही साथ उन्होंने नीतीश कुमार पर इसके पीछे राष्ट्रीय स्तर की राजनीति करने को कारण बताया है. जब से शिक्षक भर्ती परीक्षा में राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को मौका दिये जाने का प्रावधान किया गया है. वह शुरू से डोमिसाइल खत्म करने का विरोध करते रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने उस समय पुरजोर तरीके से शिक्षक भर्ती परीक्षा में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग भी की थी.