बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान से एक फिर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. उन्होंने प्रदेश में राज्य के युवाओं और बेरोजगारों के हित में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की है.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा- बिहार के पढ़े लिखे युवा मजदूरी दूसरे राज्यों में करे और बिहारियों के हिस्से की सरकारी नौकरी आप बेच दें ‘लैंड फॉर जॉब’ और ‘मनी फॉर जॉब’ के तहत. बिहारी नौकरियों पर पहला अधिकार मांगें बिहारी बेरोजगार. वोट दें बिहारी, नौकरी पाएं बाहरी, यह नहीं चलेगा. सूबे में डोमिसाइल नीति लागू हो.
इससे पहले गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने इंडिया गठबंधन पर जमकर हमला बोला था. बीपीएससी शिक्षक भर्ती में धांधली का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला हो या फिर शिक्षक नियुक्ति घोटाला, यहां ईडी की एंट्री होनी चाहिए. बिहार में कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचेगा.
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि सूबे के BPSC शिक्षक नियुक्ति घोटाले में ‘जॉब फॉर मनीट स्कैंडल को लेकर यदि ED की एंट्री होगी तो घमंडिया गठबंधन के लोग कहेंगें चुनाव है, तो छापेमारी हो रही है. नियुक्ति घोटाला हो या ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाला ED की इंट्री होनी चाहिए. मोदी सरकार में कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचने वाला.
बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बहाली हो रही है. नीतीश सरकार ने करीब 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसका रिजल्ट आने का बाद सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. हालांकि, दो नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे. इससे पहले बिहार में बिहार शिक्षक नियुक्ति विवादों में आ गई है. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने शिक्षक नियुक्ति की जांच की मांग की है.