राजस्थान में चुनावी हलचल है. चुनावी दावेदारों को टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्तओं और समर्थकों में गुस्सा देखा जा रहा है. कई जगहों पर बवाल शुरू हो गया है. समर्थक अपनी भड़ास निकालने के लिए हंगामा, तोड़फोड़ और नारेबाजी कर रहे हैं. बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता जमकर विरोध दर्ज कर रहे हैं. राजसमंद विधानसभा क्षेत्र से स्व. किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को उम्मदीवार बनाने पर कार्यकर्ता विरोध में सड़क पर उतर आए हैं. आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने राजसमंद में बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ और नारेबाजी की.
राजसमंद में बीजेपी कार्यकर्ता पार्टी के जिला कार्यालय में घुसकर फर्नीचर को उठाकर फेंकना शुरू कर दिया. उन्होंने पार्टी कार्यालय के सभी सामान को तितर-बितर कर जमकर उत्पात मचाया. चुनाव सामग्री को फाड़ दिया. सड़क पर टायर जलाए. साथ ही पार्टी हाईकमान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने कहा कि बीजेपी जीतेगी, लेकिन उम्मीदवार को हराकर भेजेंगे. ये कार्यकर्ता दीप्ति माहेश्वरी की उम्मीदवारों का विरोध कर रहे हैं. कार्यकर्ता बाहरी उम्मीदवार को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की.
नाराज कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय के बाहर डेरा डाल रखा है. कार्यकर्ताओं ने बीजेपी से दावेदारी जताने वाले दिनेश बडाला की पैरवी करते हुए नाराजगी जताई है. राजसमंद में बीजेपी के तीन स्थानीय दावेदार दिनेश बडाला, गणेश पालीवाल और महेंद्र कोठारी रविवार सुबह समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे. समर्थकों ने ‘दीप्ति माहेश्वरी मुर्दाबाद’ के भी नारे लगाए. पार्टी कार्यालय में समर्थकों की ओर से कुर्सियां उठाकर फेंकने का एक वीडियो भी सामने आया है.
बीजेपी ने दूसरी लिस्ट में आठ विधायकों के टिकट काटे हैं. इनमें सूरसागर से सूर्यकांत व्यास, सांगानेर से अशोक लाहोटी, चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, सूरजगढ़ से सुभाष पूनिया, नागौर से मोहन राम चौधरी, मकराना से रूपाराम, बड़ी सादड़ी से ललित कुमार ओस्तवाल और घाटोल से हरेंद्र निनामा शामिल हैं.
चित्तौड़गढ़ से बीजेपी के मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के समर्थकों ने पार्टी के फैसले के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का पुतला जलाया. उन्होंने पार्टी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और स्थानीय उम्मीदवार को मैदान में उतारने की मांग की. वहीं, आक्या ने जोशी पर अपने खिलाफ पुरानी दुश्मनी निकालने का आरोप लगाया है. आक्या ने 2013 और 2018 में दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया.