भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ेगी. इस विध्वंसक पोत को शिपयार्ड मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने बनाया है. ये संस्था रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करती है. प्रोजेक्ट 15बी क्लास गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर का तीसरा स्टील्थ डिस्ट्रॉयर ‘इम्फाल’ नौसेना को दिया गया है.
बताया गया है कि इस पोत में स्वदेशी स्टील DMR 249A का इस्तेमाल किया गया है. इसे देश में बनाए जा रहे सबसे बड़े विध्वंसक जहाजों में से एक कहा जा रहा. बताया गया है कि इसकी लंबाई 164 मीटर है और इसका डिस्प्लेसमेंट 7500 टन से ज्यादा है. वहीं, नौसेना का कहना है कि ये पोत ‘बराक-8’ मिसाइलों से लैस है, जोकि सतह से सतह पर मार कर सकती हैं और सतह से हवा में भी दुश्मकों को उड़ा सकती हैं.
इम्फाल पोत को अन्य सुविधाओं से भी लैस किया गया है. इसमें स्वदेशी रूप से विकसित पनडुब्बी रोधी हथियारों को जगह दी गई है. साथ ही साथ सेंसरों पर खासा काम किया गया है. नौसेना का कहना है कि इसमें हल-माउंटेड सोनार हम्सा एनजी, भारी वजन वाले टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और एएसडब्ल्यू रॉकेट लॉन्चर दिए गए हैं. इसके अलावा महिला स्टाफ के लिए रहने की सुविधा दी गई है. इस तरह की सुविधा देने वाला ये पहला युद्धपोत बन गया है.
इम्फाल जहाज एक शक्तिशाली मंच है जो समुद्री युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करते हुए अलग-अलग कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है. इम्फाल को सहायक जहाजों के बिना स्वतंत्र रूप से संचालित किया जा सकता है. नौसेना टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप में भी इम्फाल शानदार काम कर सकेगा.
इस जहाज ने तीन सीएसटी के दौरान सभी समुद्री परीक्षण पूरे कर लिए हैं. इसमें पहले सीएसटी में महत्वपूर्ण हथियारों की फायरिंग भी शामिल है. नौसेना के अनुसार, इम्फालसभी P15B जहाजों में से पहला है जिसमें लंबी दूरी और जमीन पर हमले की दोहरी भूमिका क्षमता वाली उन्नत ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जानी हैं.