महंगे कर्ज से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ब्याज दर ऊंची बनी रहने की आशंका है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक पूरी तरह सतर्क है और महंगाई में कमी लाने के लिए आरबीआई अर्जुन की आंख की तरह नजर बनाए हुए है. मई 2022 के बाद से आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर के 7.74 फीसदी तक जाने के बाद इसमें कमी लाने के लिए 6 मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में 2.50 फीसदी रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हुए इसे 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था.
कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2023 को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा, ब्याज दर ऊंची बनी रहेंगी और वे कब तक ऊंची रहेंगी यह समय और वैश्विक स्तर पर पैदा होने वाले हालात तय करेंगे. उन्होंने कहा, हम अतिरिक्त सतर्क हैं और जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी हम उठाने को तैयार हैं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हमें महंगाई दर में निरंतर गिरावट देखने की जरूरत है और हमारा लक्ष्य महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाना है. शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा वैश्विक माहौल में आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार धीमी हो रही है और महंगाई ऊंची बनी हुई है. लेकिन भारत में मजबूत घरेलू मांग के साथ आर्थिक गतिविधियों में मजबूती देखी जा रही है.
आरबीआई गवर्नर ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल पर कहा कि, भारत में पट्रोल पंपों पर जो कीमतें हैं, वह मायने रखती हैं. पश्चिम एशिया में इजरायल और हमास युद्ध से पैदा हुए संकट के प्रभाव से जुड़े सवालों पर गवर्नर ने कहा कि पिछले एक पखवाड़े में अमेरिकी बांड के यील्ड में बढ़ोतरी आई है जिसका अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ता है साथ ही कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ी हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि, भारत की मैक्रोइकोनॉमिक आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है. अनिश्चितता के दौर में ये मायने रखता है कि आपको मैक्रोइकोनॉमिक आर्थिक बुनियाद कितना मजबूत है और फाइनेंशियल सेक्टर कितना मजबूत है. और इन दोनों ही पैमानों भारत बेहतर स्थिति में है.