पिछले कुछ समय से बीजेपी के बड़े नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि बहुत जल्द नीतीश कुमार अपना पाला बदलेंगे. उनके बीजेपी के साथ संपर्क में होने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. इसी बीच महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतिहारी के दीक्षांत समारोह में नीतीश कुमार के बयान से बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है. बता दें कि महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतिहारी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यक्रम आयोजित है. यहां कन्वोकेशन प्रोग्राम में सीएम नीतीश ने अपने संबोधन में बड़ा बयान दिया है.
नीतीश कुमार ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 2007 में केंद्र सरकार ने कई राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय लिया और जमीन उपलब्ध कराने को लेकर बात हुई. साल 2009 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया. उन्होंने (नरेंद्र मोदी) कहा था कि हम बिहार को भी देंगे और उन्होंने अपना वादा पूरा किया. हमने कहा कि आपने बिहार में बनाने का निर्णय लिया है, इसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं.
नीतीश कुमार ने मंच से ही कांग्रेस को कोसा है. उन्होंने कहा कि चंपारण को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व देना चाहिए. उन्होंने महत्व देने के लिए नरेंद्र मोदी का मंच से आभार जताया और कहा कि हम जब तक जीवित रहेंगे इज्जत करते रहेंगे. नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि हमने पहले कांग्रेस से भी मांग की थी तो बोल दिया गया कि चंपारण में नहीं हो सकता है. कहा गया कि वहां ठीक नहीं है. आप लोग (कांग्रेस) उसी के नेता हैं और उन्हीं (महात्मा गांधी) को भूल रहे हैं. हमने कहा भी था कि एक की जगह दो बना दीजिए. गया और चंपारण में यूनिवर्सिटी खोलने को मैंने कहा भी था.
उन्होंने आगे कहा कि मैं तो चंपारण में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग कब से कर रहा था. 2005 में हमने सबसे पहले यहीं से अभियान चलाया और हमें जीत मिली. बापू ने चंपारण से कितना बड़ा अभियान चलाया, इसलिए पूरे राष्ट्रीय स्तर पर इसको महत्व देना चाहिए. नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंच से ही कहा कि अगली बार आप आइएगा तो हम आपको दिखाएंगे कि बापू ने कितने स्कूल खुलवाए हैं, पूरा घूमाएंगे. यहां पर कुछ नहीं था. हमें तो बचपन से सबकुछ मालूम था. इसलिए मेरी इच्छा थी कि यहीं पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी बने.