इजरायल-हमास युद्ध का आज 12वां दिन है. इससे पहले मंगलवार देर रात गाजा पट्टी के अल-अहली अरब अस्पताल पर रॉकेट अटैक हुआ, जिसमें लगभग 500 लोगों के मारे जाने की खबर है. वहीं, कई लोग मलबे में दबे हैं. युद्ध के चलते इस अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ली हुई थी. इस रॉकेट अटैक के बाद फिलिस्तीन ने दावा किया कि गाजा पट्टी के अस्पताल पर हुई एयरस्ट्राइक इजरायल की तरफ से की गई है.
जिसके बाद इजराइल डिफेंस फोर्स ने फिलिस्तीन के दावे का खंडन करते हुए कहा कि ये हमला फिलिस्तीनी आतंकी संगठन फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) ने किया है. इजराइल डिफेंस फोर्स के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि आईडीएफ ऑपरेशनल सिस्टम के विश्लेषण से संकेत मिला है कि गाजा में आतंकवादियों द्वारा रॉकेटों की बौछार की गई थी, जिस समय यह हमला हुआ उस समय गाजा में अल-अहली अस्पताल के करीब से कई रॉकेट गुजरे थे. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन इस्लामिक जिहाद इसके लिए जिम्मेदार है. इस्लामिक जिहाद ने ही गाजा के अस्पताल को निशाना बनाया, इस्लामिक जिहाद ने गाजा के अस्पताल में निर्दोष लोगों को मार डाला.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पहले भी फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के रॉकेट मिसफायर होकर गाजा में ही गिर चुके हैं. 2022 में पीआईजे का एक रॉकेट मिसफायर हुआ था. तब 16 लोगों की मौत हुई थी. इजराइली सेना के अनुसार इस्लामिक जिहाद की तरफ से दागे जाने वाले 18% रॉकेट मिसफायर ही होते हैं. 10 मई 2023 को इस्लामिक जिहाद के रॉकेट ने 4 फिलिस्तीनियों की जान ले ली थी. इनमें 3 बच्चे भी शामिल थे.
बता दें कि फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद संगठन फिलिस्तीन में हमास के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकी संगठन है. इसे 1981 में बनाया गया था. ये आतंकी संगठन वेस्ट बैंक, गाजा और इजराइल के कब्जे वाले इलाकों में फिलिस्तीन का कब्जा चाहता है.
वहीं, इजराइल इस संगठन को ईरान का साथी बताता है. इस संगठन को ईरान से ही फंडिंग और हथियार मिलते हैं. ईरान इस्लामिक जिहाद के आतंकियों को ट्रेनिंग भी देता है. अमेरिका और इजराइल, हमास और इस्लामिक जिहाद को आतंकी संगठन मानते हैं.