केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वियतनाम के हो ची मिन्ह में महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण में शामिल हुए. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण को महत्वपूर्ण बताया है. उन्होंने इस दौरान गांधी जी के योगदान का वर्णन भी किया.
वियतनाम के हो ची मिन्ह के तानो दान पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा का उद्घाटन किया गया. इस कार्यक्रम में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के साथ वाइस चेयरमैन डुओंग अन्ह डुक भी मौजूद थे. जयशंकर ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर कहा कि वाइस चेयरमैन डुओंग अन्ह डुक के साथ उद्घाटन में भाग लेने का सौभाग्य मिला. हो ची मिन्ह सिटी में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण बहुत महत्वपूर्ण है. यह स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता और गरिमा को रेखांकित करता है और यही दोनों देशों को एक साथ लाता है.
जयशंकर ने आगे कहा कि महात्मा गांधी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं. सत्य, अहिंसा और स्वतंत्रता में उनके योगदान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता दी गई है. उनके जन्मदिन दो अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया गया है.
महात्मा गांधी के योगदान को याद करते हुए जयशंकर ने कहा कि वह (गांधी जी) न केवल राजनीतिक प्रेरणा के रूप में बल्कि कूटनीति रे प्रेरक के रूप में भी काम करते हैं. उन्होंने बताया साल 1958 में अपनी भारत यात्रा के दौरान वियतनाम के पूर्व राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि हम सभी क्रांतिकारी हो सकते हैं, लेकिन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हम सभी महात्मा गांधी के शिष्य हैं.