शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में नौ अक्टूबर तक 21.82 प्रतिशत बढ़कर 9.57 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. कंपनियों व व्यक्तिगत करदाताओं के बेहतर योगदान से शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ा है. इस साल अप्रैल से 9 अक्टूबर तक 1.50 लाख करोड़ का रिफंड जारी किया गया है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, 9 अक्टूबर तक शुद्ध कर संग्रह पूरे साल के 18.23 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान का 52.5 प्रतिशत है. सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.07 लाख करोड़ रुपये रहा. यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17.95 प्रतिशत अधिक है.
सरकार ने 2023-24 के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक रहने का अनुमान लगाया है. यह पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 के दौरान जुटाए गए 16.61 लाख करोड़ रुपये से 9.75 प्रतिशत अधिक है.
सकल कर संग्रह में कॉरपोरेट आयकर और व्यक्तिगत आयकर की वृद्धि दर क्रमश: 7.30 प्रतिशत और 29.53 प्रतिशत रही. प्रतिभूति लेनदेन कर को मिलाकर व्यक्तिगत आयकर की वृद्धि दर 29.08 प्रतिशत रही. रिफंड के समायोजन के बाद सीआईटी संग्रह में शुद्ध वृद्धि 12.39 प्रतिशत रही. पीआईटी संग्रह में 32.51 प्रतिशत और प्रतिभूति लेनदेन कर को मिलाकर पीआईटी में 31.85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.