2 अक्टूबर को बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही इसपर बयानबाजी जारी है. बीजेपी का आरोप है कि जानबूझकर आंकड़ों में चुनाव के मद्देनजर हेरफेर की गई है. वैश्य समाज की संख्या को काफी कम दिखाया गया है. वहीं कई जातियों की संख्या कम होने के बावजूद उनको आंकड़ों में ज्यादा दर्शाया गया है. इस पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बयान देते हुए गड़बड़ी के आरोपों को सिरे से नकार दिया था और सर्वे रिपोर्ट को साइंटिफिक करार दिया था.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसको लेकर तेजस्वी यादव पर हमला किया है. दरअसल तेजस्वी यादव ने कहा था कि जिसको जातीय गणना की रिपोर्ट पर शक है वो मोदी जी से कहकर इसे दोबारा से करवा सकता है. साथ ही तेजस्वी ने यह भी कहा था कि अगर आंकड़े बढ़ाना ही होता तो फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी जाति के लोगों की संख्या बढ़ाकर पेश कर सकते थे लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. गिरिराज सिंह ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज कल गणित के गणितज्ञ वही लोग हैं. गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के असली शिष्य वही लोग हैं.
वहीं इसके खिलाफ 14 अक्टूबर को RJJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजभवन मार्च का ऐलान किया है. इसपर गिरिराज सिंह ने कहा कि उनके कई जानकारियों को सार्वजनिक किया गया है. गोपनीयता नहीं बरती गई. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार के खिलाफ जातीय गणना को लेकर मोर्चा खोल दिया है. 11 अक्टूबर को सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया गया है. वहीं 14 अक्टूबर को उपेंद्र कुशवाहा राजभवन मार्च करेंगे और राज्यपाल से इसकी शिकायत करेंगे.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा था कि अगर पांच सौ वर्षों बाद राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि हम सिंधु वापस न ले पाएं. इस पर गिरिराज सिंह ने कहा कि योगी जी ने जो कहा है उसके लिए किसी को बुरा नहीं मानना चाहिए. कभी राम जन्मभूमि बनने का सपना किसी ने देखा था? गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले बीजेपी पर हमला किया जाता है और उनके आका बुआ भी दर्शन करने जाते हैं. मोदी जी हैं तो यह फेज भारत की संस्कृति और सनातन के उत्थान का वर्ष है. यह ऐसा काल है कि कुछ भी संभव हो सकता है. योगी आदित्यनाथ ने किसी को धमकाया नहीं है.