सीरिया के होम्स शहर में स्थित मिलिट्री एकेडमी पर लोकल समय के मुताबिक, गुरुवार को ड्रोन से हमला हुआ. AFP ने वॉर मॉनिटर के हवाले से बताया कि घटना में 100 कैडेट्स की मौत हो गई, जबकि 240 से ज्यादा लोग घायल हो गए. मृतकों में 6 बच्चे और 6 महिलाओं समेत 14 आम नागरिक भी बताए जा रहे. सेना के का कहना है कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक एक चश्मदीद ने कहा- दौरान एकेडमी में ग्रेजुएशन सेरेमनी चल रही थी. लोग ग्राउंड में चले गए थे और तभी वहां पर धमाका हुआ. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो बम कहां से आया, बस चारों ओर लाशें ही दिखाई दे रही थीं. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) ने कहा कि इस घटना में सीरिया के रक्षा मंत्री अली महमूद अब्बास बाल-बाल बचे. हमले से कुछ मिनट पहले ही वो कार्यक्रम से निकले थे. उनके जाते ही हथियारबंद ड्रोन ने वहां बमबारी और गोलाबारी शुरू हो गई.
सीरिया की सेना ने हमले के लिए विरोधियों को जिम्मेदार ठहराया है, जिन्हें इंटरनेशनल सपोर्ट मिला हुआ है. हालांकि इस हमले की अब तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. युद्ध से जूझ रहे सीरिया में इसे बड़े ड्रोन हमले के तौर पर देखा जा रहा है. इसे सीरियाई सैन्य ठिकानों पर अब तक का सबसे बड़ा खूनी हमला माना जा रहा है. वहीं, सीरिया सरकार ने इस हमले की पूरी ताकत से जवाब देने की कसम खाई है. सीरियाई सरकारी फोर्सेस ने दिन भर विपक्ष के कब्जे वाले इदलिब इलाके पर बमबारी की.
सीरिया का संघर्ष 2011 में राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ, जो सिविल वॉर में बदल गया. वहां पर अब तक हजारों लोगों ने जान गंवाई है, जबकि लाखों लोगों को देश छोड़कर जाना पड़ा.