बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गई है. इसे लेकर जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने खुशी जाहिर की और कहा कि यह पूरे देश में होनी चाहिए. इसके बाद ही चुनाव के लिए परिसीमन होना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि जाति गणना के आधार पर दलित, अति पिछड़ा, जनजाति, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को उनके संख्या के आधार पर आरक्षण का प्रावधान मिलना चाहिए.
गौरतलब है की बिहार में जाति आधारित गणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था. इस चरण में यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा कर लिया गया था वही 15 अप्रैल से दूसरे चरण की गणना की शुरुआत की गई इसे 15 मई को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने गणना पर रोक लगा दी बाद में फिर पटना हाईकोर्ट ने ही जाति आधारित गणना को हरी झंडी दी. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
आपको बता दें कि बिहार में जाति आधारित सर्वे कराने के बाद सरकार ने अब अपनी रिपोर्ट जारी की है. जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा है. जिसमें उच्च जाति (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 एवं कायस्थ-0.60%) जनसंख्या 15.52 प्रतिशत, ओबीसी 63 प्रतिशत (24 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग एवं 36 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा वर्ग), अनुसूचित जाति जनसंख्या 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति इसकी जनसंख्या 1.68 प्रतिशत है. बिहार में यादव सबसे बड़ी जाति है. आंकड़ों के मुताबिक इनकी आबादी 14 फीसदी है जबकि कुर्मी 2.8 फीसदी और कुशवाह 4.2 फीसदी हैं.