बिहार में आज 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी गयी. इस रिपोर्ट के आने के बाद बिहार का सियासी माहौल गरमा गया. राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के लोग पितृ पक्ष के बाद रिपोर्ट पढ़ेंगे क्या और बिना रिपोर्ट पढ़े बयान क्यों दे रहे हैं. बता दें कि सुशील मोदी ने कहा था कि पूरी रिपोर्ट की स्टडी कर रहे हैं, उसके बाद बयान देंगे. हालांकि, बीजेपी के कुछ नेता रिपोर्ट को लेकर प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.
नीरज ने कहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की यथा स्थिति का पता चल जाएगा, महिलाओं को कितना गैस कनेक्शन दिया गया और कितना लोग भरवा रहे हैं यह सब भी पता चल जाएगा. जातीय गणना को लेकर नीरज ने कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं सो करते हैं. इसके बाद जदयू प्रवक्ता ने बीजेपी पर निशाना साधा कि बिना पढ़े हुए बीजेपी के नेता बयान कैसे दे रहे हैं. बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि रिपोर्ट में सब गड़बड़ है.
सोमवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस में प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने इसकी जानकारी दी. विभागीय जानकारी के अनुसार 215 जातियों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति बताई गई है. जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है.