किरण बालियान ने शुक्रवार को यहां हांगझोऊ ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में महिलाओं के गोला फेंक में कांस्य पदक जीतकर एशियाई खेलों में इतिहास रच दिया. वह 1951 के बाद से 72 साल में भारत के लिए इस स्पर्धा में पदक प्राप्त करने वाली पहली भारतीय हैं.
उनका तीसरा प्रयास, जो अब उनके करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो है, थ्रोइंग मार्क से 17.36 मीटर दूर जाकर गिरा, उन्होंने अपना तीसरा स्थान जीता। यह सीनियर प्रतिस्पर्धा में उनका पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है. महिलाओं के गोला फेंक में भारत के नाम ज्यादा पदक नहीं हैं. हालांकि जकार्ता में 2018 में पुरुषों की प्रतिस्पर्धा में तेजिंदरपाल सिंह तूर के स्वर्ण पदक जीतने के साथ इस स्पर्धा में अपना दबदबा बनाया है. बारबरा वेबस्टर शॉट पुट में कांस्य पदक जीतने वाली आखिरी भारतीय महिला थीं. उन्होंने 1951 में यह कारनामा किया था.
किरण बलियान ने 17.36 मीटर की दूरी तक लोहे का गोला फेंककर तीसरा स्थान हासिल किया. चीन की लिजियाओ गोंग ने 19.58 मीटर के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि चीनी की ही जियायुआन ने 18.92 मीटर के साथ रजत पदक जीता.भारत की ओर से शीर्ष थ्रोअर मनप्रीत कौर पर सबका फोकस था, लेकिन किरण ने अपना काम किया. 24 वर्षीय किरण ने 15.42 मीटर के वॉर्मअप थ्रो से शुरुआत की और फिर दूसरे प्रयास में गेंद को 16.84 मीटर की दूरी तक पहुंचाया. उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में इसे 17.36 मीटर तक फेंका, लेकिन इसमें सुधार नहीं कर सकीं. उनका आखिरी तीन थ्रो क्रमश: 16.76 मीटर, 16.79 मीटर और 16.87 मीटर रहा.
चीन की लिजिआओ गोंग ने लगातार तीसरे एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता जबकि सोंग ने अपना पहला एशियाई खेलों का पदक जीता. किरण ने पदक जीतने के बाद एशियाई खेलों की तैयारी में मिले सहयोग के लिए अपने कोचों, महासंघ और सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों के लिए मेरी अच्छी तैयारी थी और इससे मुझे यह पदक जीतने में मदद मिली.