28 सितंबर, गुरुवार को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाएगी. दरअसल भगवान विष्णु के 12 नाम हैं, जिनमें से एक अनंत है. अनंत चतुर्दशी के दिन मध्याह्न के समय इनकी पूजा करने का और साथ ही व्रत करने का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, स्वयं श्री कृष्ण के कहने पर पांडवों ने भी इस व्रत को किया था. इस व्रत को करने से आपकी मुश्किलें कम हो सकती हैं और आपकी धन और संतान आदि की कामना की भी पूर्ति होगी.
अनंत चतुर्दशी के दिन स्नान आदि के बाद, नित्य कर्मों से निवृत्त होकर, साफ कपड़े पहनकर पहले व्रत का संकल्प लेना चाहिए. फिर भगवान की पूजा करनी चाहिए. इसके लिए सबसे पहले घर की पूर्व दिशा को अच्छे से साफ करके, वहां पर कलश की स्थापना करें. फिर कलश के ऊपर कोई थाल या अन्य कोई बर्तन स्थापित करें. फिर उस बर्तन में कुश से बनी हुए भगवान अनंत की मूर्ति स्थापित करें और उसके आगे कुमकुम, केसर या हल्दी से रंगा हुआ कच्चे सूत का चौदह गांठों वाला धागा रखें। इस धागे को अनंत भी कहा जाता है. अब कुश से बने अनंत जी और चौदह गाठों वाले धागे की विधि-पूर्वक गंध, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य आदि से पूजा करें और संभव हो तो भगवान की कथा भी पढ़ें. फिर पूजा आदि के बाद अनंत देव का ध्यान करते हुए उस धागे को अपनी बाजू पर बांध लें. पुरुष अपने दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में उस चौदह गांठों वाले धागे को बांधें. दरअसल, अनंत धागे की चौदह गांठे चौदह लोकों की प्रतीक मानी गई हैं. यह धागा भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला और अनंत फल देने वाला माना गया है . इसे धारण करने से हर तरह की मुसीबतों से रक्षा होती है और साधक का कल्याण होता है.
अनंत चतुर्दशी 2023 शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 28 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर
चतुर्दशी तिथि समापन: 28 सितंबर को शाम 6 बजकर 51 मिनट तक
अनंत चतुर्दशी 2023 तिथि: 28 सितंबर 2023
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने और उपवास रखने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस व्रत को रखने वाले जातकों पर लक्ष्मीनारायण की अपार कृपा रहती है. अनंत चतुर्दशी के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी फलदायी माना जाता है.