उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी संस्कृति, खानपान के साथ ही धार्मिक विविधता और आस्था के स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. इनमें से ही एक स्थल है श्री सिद्धनाथ मन्दिर जो नादान महल रोड में स्थित है. यह मंदिर लखनऊ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है.यहां पर बाबा स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान है. यह मंदिर शिव भक्तों के लिए एक विशेष पूजा स्थल बना हुआ है. भक्तों के लिए ये एक ऐसा मंदिर है,जहां बाबा के दर्शन से मन तृप्त हो जाता.
मंदिर के पूजारी रामजी उपाध्याय ने बताया कि जानकारी के अंतर्गत इसका इतिहास 300 वर्ष पुराना है. वे कहते है कि यहां बाबा स्वयंभू है और यहां कभी लक्ष्मण जी शेषनाग के अवतार में पूजा करने आते थे. उन्होंने बताया धुलाई होने के बाद जब पठ बंद हो जाता था.तो अपने आप अगले दिन वहां फूल, पत्ती और पान मिलता था,लेकिन अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है.
पुजारी ने कहा कि यह मंदिर श्री राम के समय से है और यहां मंदिर में जो भी भक्त इच्छा लेकर आता है, उसकी पूरी होती है.जो भी व्यक्ति 40 दिन तक बाबा को श्रद्धा भाव से जल चढ़ाता है, उसका कल्याण होता है. बाबा सिद्धनाथ को यहियागंज का राजा कहा जाता है.इस बाजार में लोग अपनी दुकान खोलने से पहले बाबा का दर्शन करते है और उनसे आज्ञा लेकर अपनी दुकान खोलते है. यहां के व्यापारियों की बाबा से गहरी आस्था है
एक भक्त पिछले 40 साल से बाबा सिद्धनाथ का प्रतिदिन दर्शन कर रहा है. उनका कहना है कि बाबा ने उनकी हर इच्छा को पूरा किया है.जब जो मांगा वो दिया है. उनका कहना है कि बाबा को जल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते है और अपने भक्तों का कल्याण करते है. अगर आप भी बाबा के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको सुबह 6 बजे से 12 बजे तक और शाम 4 से 10 बजे के बीच श्री सिद्धनाथ जी मंदिर, नादान महल रोड पर आना होगा.आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते है.