बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार आज सोमवार को जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही राजेंद्र नगर स्थित शाखा पार्क में किया था. आज राजकिय समारोह में नीतीश कुमार और बिहार सरकार के कई अन्य मंत्री भी शामिल होंगे. जिसे लेकर बिहार की राजनीतिक चर्चा भी तेज है.
2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजेंद्र नगर स्थित शाखा पार्क में जनसंघ के संस्थापक की मूर्ति का अनावरण कर इनकी जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाने का फैसला किया था. इसको लेकर तब विपक्ष में मौजूद राजद और कांग्रेस के नेताओं ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि एक तरफ नीतीश कुमार संघ मुक्त भारत बनाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ संघ के रास्ते पर चल पड़े हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने हमेशा आरएसएस से वैचारिक असहमति की बात कही है.
दरअसल 2020 में नीतीश कुमार एनडीए में थे, लेकिन अभी नीतीश कुमार महागठबंधन में है और उसके बावजूद जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित राजकीय समारोह में शामिल होंगे. नीतीश कुमार जब से जी-20 में राष्ट्रपति की ओर से दिए गए भोज में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है, तब से ही कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
अब जब जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जयंती में नीतीश कुमार शामिल होंगे, तब नीतीश कुमार को लेकर चर्चा और तेज होने लगी है, क्योंकि राजकीय समारोह कार्यक्रम में संघ और बीजेपी के कई नेता के मौजूद रहने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल होंगे, तब देखना है कि महागठबंधन के घटक दल खासकर राजद की तरफ से किस तरह की प्रतिक्रिया दी जाती है.
2020 में जब मूर्ति का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकार्पण किया था, तो उस समय भी जदयू नेताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री सभी महान पुरुषों को आदर सम्मान करते हैं. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती प्रायोजित राजकीय समारोह 10:30 बजे से राजेंद्र नगर स्थित उनकी मूर्ति के पास होगी. जिसमें सीएम शामिल होने वाले हैं.