राज्य में चलने वाली शिक्षक आंदोलन के चलते लाखों छात्र-छात्राओं का भविष्य बिगड़ रहा है. उनकी पढ़ाई पर इस आंदोलन के चलते खासा असर पड़ रहा है. यह दर्शाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानि एनएचआरसी में एक याचिका दायर की गई है.
“न्याय के लिए लड़ाई ” संगठन के राज्य अध्यक्ष सुब्रत कुमार दास की ओर से यह याचिका दायर की गई है. जिसमें यह दर्शाया गया है कि राज्य के लगभग 1 लाख 30 हज़ार प्राथमिक शिक्षक और शिक्षिका पिछले विभिन्न मांगों को लेकर कुछ दिनों से आंदोलन चला रहे हैं. राज्य सरकार के पास 5 दफाओं वाली मांगों को लेकर वह आंदोलन छेड़े हुए हैं. यह मांगे पूरा न होने के चलते सितंबर 8 तारीख से पूरे राज्य भर में लगभग 1 लाख 30 हज़ार से अधिक शिक्षक-शिक्षिका धरना पर बैठे हैं.
जिसके चलते पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो चुकी है. इसके द्वारा राज्य के लगभग 40 लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. राज्य सरकार शिक्षकों की मांग को विचार में लेने के बजाय शिक्षक-शिक्षिकाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए दवाब डाल रहे हैं और उन्हें धमका रहे.ऐसे में शिक्षकों का आंदोलन राज्य भर में और तेज होने लगा है. इस मुद्दे पर एनएचआरसी को हस्तक्षेप करते हुए कार्रवाई करने के लिए आवेदनकर्त्ता की ओर से निवेदन किया गया है. छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित न हो उसको सुनिश्चित किया जाए उसके लिए एनएचआरसी ठोस कदम उठाए ऐसी याचिका दायर की गई है.