आने वाले दिनों में पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं और इसे लेकर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान प्रोविंस (ISPP) ने जनता को डराने धमकाने वाला बयान जारी किया है. ताकि उनकी निगाहें चुनाव क्यों देर से हो रहे हैं इस तरफ ना जाए. आतंकवादी संगठन ने अपने ताजा बयान में पाकिस्तानी नागरिकों को धमकी दी है कि वह देश में आगामी चुनाव के दौरान होने वाली राजनीतिक रैलियों, जुलूसों में भाग ना लें और ना ही अपना वोट देने मतदान केंद्रों पर जाएं.
संगठन ने अपने बयान में खुली धमकी देते हुए कहा है कि चुनाव के दौरान होने वाली रैलियों, जुलूस और मतदान केंद्र आतंकवादी संगठन के निशाने पर हैं. धमकी के तौर पर स्पष्ट कहा गया है कि यदि पाकिस्तानी नागरिक चुनाव में हिस्सा लेते हैं तो मुजाहिदीन की तलवार उन पर ऐसे में कहीं भी किसी भी समय गिर सकती है. इस खून के लिए मुजाहिदीन किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होगा.
पाकिस्तान में आखिर किसके इशारे पर आतंकवादी संगठन होने वाले चुनाव में लगातार रक्तपात और बम धमाके करने की बातें कर रहे हैं? वह कौन है जो एक निश्चित समय के बाद इन आतंकवादी संगठनों को आवाम को डराने वाले बयान जारी करने को कहता है, जिससे आम जनता में चुनाव को लेकर भय का माहौल बना रहे. वर्तमान हालात में फिलहाल पाकिस्तान की वर्तमान सरकार, वहां का फौजी तबका और पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई नहीं चाहती कि चुनाव हो. क्योंकि अभी होने वाले चुनावों में इमरान खान की पार्टी जीत सकती है.
इस्लामिक स्टेट पाकिस्तान प्रोविंस नाम का यह आतंकवादी संगठन दूसरे आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ है जो साल 2019 में पाकिस्तान में बना था. यह संगठन ज्यादातर आत्मघाती हमलों को अंजाम देता है जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों की जान जाती है. इस संगठन ने बीती 30 जुलाई को पाकिस्तानी राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल (JUI-F) की एक चुनावी रैली में आत्मघाती बम विस्फोट किया था. जिसमें एक क्षेत्रीय जेयूआई- नेता सहित कम से कम 54 लोग मारे गए थे.