पाकिस्तान की इकोनॉमी लगभग धराशायी हो गई हैं. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल की कीमतें 300 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई. इसके बावजूद पाकिस्तान, परमाणु हथियारों को लेकर अपनी सनक से बाज नहीं आ रहा है. धड़ाधड़ परमाणु हथियार बना रहा है. फेडरेशन ऑफ़ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब तकरीबन 170 न्यूक्लियर वेपंस हो गए हैं.
अमेरिका ने क्या पता लगाया? अमेरिकी वैज्ञानिक ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर वेपंस का पता लगाने के लिए ओपन सोर्स मैटेरियल्स यानी ऐसी सामग्री का इस्तेमाल किया है, जो पहले से सार्वजनिक हैं. मसलन- डीक्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स, डिफेंस बजट एलोकेशन, मिलिट्री परेड और सैन्य अफसरों के स्टेटमेंट. इसके अलावा पाकिस्तानी मिलिट्री गैरिसन और एयरफोर्स बेस की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण भी किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक तमाम मिलिट्री गैरिसन और एयरफोर्स बेस की हालिया सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण करने पर पता चला कि पाकिस्तान ने हाल-फिलहाल में न्यूक्लियर वेपंस के लिए नई लॉन्चर फैसेलिटीज बनाई है. फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान दो मोर्चे पर काम कर रहा है. एक तरफ परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है, तो दूसरी तरफ नए हथियारों के लिए तेजी से रॉ मैटेरियल भी जुटा रहा है. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि पाकिस्तान हर साल 14-27 हथियारों के लिए रॉ मैटेरियल इकट्ठा कर रहा है और कम से कम 5 से 10 न्यूक्लियर वॉरहेड्स प्रोड्यूस भी कर रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 5 ऐसे मिलिट्री और एयरफोर्स बेस हैं, जहां पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को जमा कर रहा है. इसमें एकरो, गुजरांवाला, खुज्दर, पानो आकिल और सरगोधा गैरिसन शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान 4 नए प्लूटोनियम प्रोडक्शन रिएक्टर पर भी काम कर रहा है. साथ एक यूरेनियम रिएक्टर की क्षमता भी बढ़ा रहा है. उसके आसपास नए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है. इससे उसकी क्षमता और बढ़ सकती है. अनुमान है कि 2025 तक पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की संख्या 200 तक पहुंच जाएगी.
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के एक खुफिया बंकर का भी जिक्र है. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने कभी सार्वजनिक तौर पर अपने परमाणु हथियारों को लेकर कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन वैज्ञानिकों को शक है कि इस्लामाबाद के उत्तर पश्चिम में स्थित वाह कैंटोनमेंट के नजदीक एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की इसमें बड़ी भूमिका है. खासकर इस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की एक फैसिलिटी पर वैज्ञानिकों की लंबे समय से नजर है.
इनको बहुत करीने से ढंक कर रखा गया है. इन बंकरों के आसपास हमेशा मल्टीलेयर की सिक्योरिटी होती है. शक है कि इन बंकरों में परमाणु हथियार छिपाकर रखे गए हैं. आपको बता दें कि अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी ने साल 1999 में अनुमान लगाया था कि 2020 तक पाकिस्तान के पास 60 से 80 के बीच परमाणु हथियार होंगे, लेकिन अब ताजा रिपोर्ट देखकर अमेरिकी एजेंसीज भी चौंकन्नी हैं.